(रायगढ़) ३वर्षाे में १००करोड़ का अवैध खनिज उत्खनन हुआ जिले में
डी एम एफ के आदेश को रोक करके करोड़ों की रायल्टी पर्ची जारी की गई अव्यवस्थित दोहन से भूकंम्प का खतरा मंडराया
रायगढ़ (एजेंसी)। अवैध उत्खनन पर कार्यवाही की बजाय माईनिंग विभाग द्वारा आंखे मूंदने की वजह से भारी पैमाने में राजस्व के नुकसान के अलावा अव्यवस्थित दोहन से भूकंम्प का खतरा भी पूरे क्षेत्र में मंडरा रहा है जिसकी वजह से जनहानि की संभावना से इनकार नही किया जा सकता द्य अवैध खनन पर समय समय पर दिखावे की कार्यवाही केवल ऊँट के मुँह में जीरे के समान है । छोटी- मोटी कार्यवाही के जरिये विभाग अपनी ही पीठ थपथपा रहा है । कोल भंडारण की फर्जी रॉयल्टी के जरिये भी इस कार्य को आसानी से अंजाम दिया जा रहा है ।
रायगढ़ शहर जिला कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष हरिनारायण मिश्र ने कहा की विगत ३ वर्षाे से इस विभाग के अधिकारी व् कर्मचारियों के लाइफ-स्टाइल में सभ्यताओं सा फर्वâ आ गया है कहीं इसका कारण इन बीते ३ वर्षों के अवैध उत्खनन से जुड़ाव तो नहीं? जनता की इच्छा के अनुरूप इन मसले पर जांच की मांग करते हुए कहा कि खनिज विभाग सदा माफियाओं की पैरवी करता रहा है, मौजूदा प्रसाशनिक व्यवस्था खनिज तस्करों के लिए स्वर्ग बनी हुई है । यह सब कुछ विभागीय मिलीभगत के बिना असंभव है । कुछ टेबलों के काउंटर के जरिये संचालित होने वाली व्यवस्था जिले के मुखिया के सिर पर मौजूद है लेकिन इस गड़बड़झाले की कानो कांन खबर न होना चिराग तले अँधेरा ही है । खनिज विभाग का मंत्रालय स्वयं सूबे के मुखिया रंमन सिंह के पास है ,उंसके बावजूद विभागीय प्रश्रय पर क्वाट्र्ज,डोलोमाइट,आदि बहुमूल्य खनिज सम्पदाओं का अवेध उत्खनन फर्जी रॉयल्टी के जरिये परिवहन सरकार की मंशा को स्पष्ट करता है कि इस कार्याे के लिए प्रभावशाली लोगों को छूट मिली हुई है, क्वाट्र्ज, डोलोमाइट,कोयला,लाइम स्टोन,रेत आदि खनिज पदार्थों के खुले अवैध उत्खनन व फर्जी रॉयल्टी पर परिवहन की अनेको शिकायतों पर कार्यवाही न होना संदेहों को जन्म देंने के साथ प्रसाशन की नेक नियत पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
पूर्व जिला कांग्रेस शहर हरिनारायण मिश्र ने प्रदेश सरकार सहित जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि माननीय न्यायालय आदेश के बावजूद रद्द की गई कोयला खदानों की पुरानी कंपनीयो को ही नीलामी से पूर्व ही परिवहन पर्ची जारी की है द्य परिवहन पर्ची जारी करने हेतु खनिज विभाग ने पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु निर्धारित मापदंडों की अनदेखी भी की है द्य क्वाट्र्ज व् डोलोमाइट लाइम स्टोन एरिया में सडक़ किनारे की जमीने अवैध उत्खनन की वजह से खाई का रूप ले चुकी है जिसंमे पानी के भराव से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी द्य राष्ट्रिय राजमार्ग व् प्रदेश के मुख्य मार्ग के किनारे अवैध उत्खनन की वजह से निर्मित खाई को खुली आँखों से देखा जा सकता है । रॉयल्टी के जरिये प्राप्त राजस्व से होने वाले विकास पर भी ग्रहण लग गया है। इस मद की राशि का खुलकर दुरूपयोग किया जा रहा है । जिला विकास हेतु राज्य शासन के निर्देश पर बनाई गई जिला खनिज विकास मद की अनदेखी भी समझ से परे है । खनिज विभाग ने इस मद के आदेश को रोक कर करोड़ों रुपयों की रायल्टी पर्ची जारी कर शासन को करोड़ों रुपयों का नुक्सान पहुँचाया द्य पिछले तीन वर्षों में विभागीय मिलीभगत के जरिये १०० करोड़ रुपयों से अधिक राजस्व का नुकसान पहुँचाया गया है। इस नुकसान की जाँच के हेतु निर्देशक,सी. बी.आई-नई दिल्ली को पत्र प्रेषित किया गया है द्य इस मद के जरिये केंद्र को भी कुछ हिस्सा टैक्स के रूप में हासिल होता है जिससे देश के विकाश की योजना भी बनती है।
गणेश अग्रवाल
११.३०
२१ अप्रैल २०१७