
एजेन्सी/ नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रवाद को पार्टी की ताकत बताते हुए रविवार को कहा कि उनकी सरकार के 22 महीने के कार्यकाल में अब तक राजनीतिक और आर्थिक भ्रष्टाचार का कोई भी आरोप नहीं लगा है और भाजपा कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे विपक्ष द्वारा उठाये जा रहे व्यर्थ के मुद्दों में न फंसकर पार्टी के हित को आगे बढ़ाते रहे।
उनके अनुसार मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘आप लोग व्यर्थ के मुद्दों में ना उलझे क्योंकि विपक्ष आपको इनमें उलझाये रखने की कोशिश में लगा है लेकिन आप अपना काम करते रहें।’ सिंह ने हालांकि इस सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया कि क्या भाजपा के लिए अब राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और समान नागरिक संहिता भी व्यर्थ के मुद्दे हो गये हैं? मोदी ने आगाह किया कि सरकार के विकास कार्य कुछ लोगों को रास नहीं आ रहे हैं और उसके अभूतपूर्व कार्यों से ध्यान भटकाने के लिए व्यर्थ के मुद्दे उछालकर भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का मकसद है कि सरकार के विकास के कार्य जमीनी हकीकत नहीं बनने पायें और पार्टी कार्यकर्ताओं को चाहिए कि विरोधियों के ऐसे उलझाने वाले प्रयासों से अप्रभावित रहें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का एक ही मूल मंत्र है और वह है विकास, विकास और विकास क्योंकि सभी समस्याओं का यही समाधान है। विकास का चक्का तेजी से चल पड़ा है और बदलाव आ रहे हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे समाज के सभी वर्गों को जोड़ने के साथ ही बुद्धिजीवियों तक भी अपनी पहुंच बनायें।
मोदी ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे अपनी क्षमताओं का और अधिक विकास करते हुए समाज के सभी वर्गों तक पहुंच बनाये और उन तक सरकार के रचनात्मक कार्यों को ले जायें। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने धरती से जुड़े मुद्दों को आजादी की लड़ाई से जोड़ने की रणनीति अपनायी थी और इसके चलते उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन का जनाधार बढ़ाया।
राजनाथ सिंह ने इस बात की भी पुष्टि करने से इंकार कर दिया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने राजनीतिक प्रस्ताव रखते हुए मोदी को देश के लिए ‘ईश्वर की ओर से उपहार’ बताया है।