नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने किंगफिशर एयरलाइन्स को जानबूझकर ऋण चुकता नहीं करने वाला. (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित करने से यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) को रोकने से इन्कार कर दिया। किंगफिशर ने मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया गया तथा यूबीआई को ऐसा न करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया। लेकिन शीर्ष अदालत ने बैंक को ऐसा निर्देश देने से इन्कार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता यूबीआई के फैसले को किसी भी उचित मंच पर चुनौती देने के लिए स्वतंत्र है। बैंक ने कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रवर्तक विजय माल्या तथा तीन अन्य निदेशकों रवि नेदुनगडी, अनिल कुमार गांगुली और सुभाष गुप्ते को कल जानबूझकर लोन नहीं चुकाने वाला घोषित किया था। ऐसा करने से ये भविष्य में बैंक से ऋण नहीं ले पाएंगे तथा कंपनी का निदेशक पद भी खो देंगे।