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श्रीदेवी की अस्थियां लेकर हरकी पैड़ी पहुंचे बोनी और अनिल कपूर…

श्रीदेवी की अस्थियां लेकर बोनी कपूर, अनिल कपूर और अमर सिंह देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। गुरुवार को दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर वह एयरपोर्ट पहुंचे। जिसके बाद वह करीब ढाई बजे हरकी पैड़ी पहुंचे। हरिद्वार के वीआईपी घाट पर अभिनेत्री श्रीदेवी का अस्थि विसर्जन किया गया।श्रीदेवी की अस्थियां लेकर हरकी पैड़ी पहुंचे बोनी और अनिल कपूर...

यहां विधिविधान के साथ बोनी कपूर और अनिल कपूर ने श्रीदेवी की अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर दीं। वहीं बोनी और अनिल कपूर के हरिद्वार पहुंचने से पहले तीर्थ पुरोहितों ने उनके पूर्वजों की बही खंगाली। पति बोनी कपूर और देवर अनिल कपूर हरिद्वार में श्रीदेवी अस्थियां विसर्जित की। श्रीदेवी के अस्थि विसर्जन में राज्य सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल शामिल हुए। वहीं फैशन डिजायनर मनीष मल्होत्रा भी हरिद्वार पहुंचे हैं।

श्रीदेवी की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने के बाद बोनी कपूर का पूरा परिवार अपने गुरु महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद के आश्रम में गया। हालांकि स्वामी अवधेशानंदजी के बाहर होने की वजह से वह गुरु से मुलाकात नहीं कर पाए।

बोनी कपूर और उनके परिवार के साथ मौजूद अधिकारियों ने बताया कि विश्राम करने के बाद शाम 7:00 बजे कपूर परिवार जौलीग्रांट एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएगा।
 

दोबारा हरिद्वार आने की इच्छा जताई थी

 

54 वर्षीय श्रीदेवी का अंतिम संस्कार 28 फरवरी को मुंबई में किया गया था और 3 मार्च को उनकी अस्थियां रामेश्वरम में विसर्जित कर दी गई। आमतौर पर बड़े सितारों व बड़े नेताओं के मामलें में ऐसा होता आया है कि एक कि बजाए दो जगह अस्थियां विसर्जित की जाती रही है।

तीर्थ पुरोहित ने बताया कि उनका परिवार पिछले 300 सालों से बोनी कपूर के खानादान को अपनी सेवाएं दे रहा है। तीर्थ पुरोहित शिवकुमार के मुताबिक बोनी कपूर 1988 में अपने दादा लालचंद और 2011 में अपने पिता सुरेंद्र कपूर और पहली पत्नी मोना की अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर चुके हैं।

साल 2011 में  पिता सुरेंद्र कपूर की अस्थियां विसर्जित करते वक्त बोनी के साथ दोनों भाई संजय व अनिल कपूर भी साथ आये थे। पहली पत्नी मोना की अस्थियां विसर्जित करने वक्त उनके बेटे अर्जुन और बेटी अंशुला भी साथ आई थी।

इससे पहले सन् 1993 में श्रीदेवी अपने फिल्मी करियर के लिए मां गंगा से प्रार्थना करने के लिए हरिद्वार आई थीं। उस दौरान उनके तीर्थ पुरोहित गोविंद शास्त्री ने श्रीदेवी की पूजा संपन्न करवाई थी। तब उन्होंने दोबारा हरिद्वार आने की इच्छा जताई थी।

 
 
 

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