श्वेत वस्त्रधारी भगवान जगन्नाथ प्रभु की अद्भुत झांकी देख श्रद्धालु निहाल
वाराणसी : काशी के लक्खा मेले में शुमार रथयात्रा मेले के अन्तिम दिन मंगलवार को श्वेत वस्त्रधारी भगवान जगन्नाथ, भइया बलभद्र बहन सुभद्रा की अलौकिक झांकी देखने आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। इसके पूर्व सुबह 5.11 बजे भगवान जगन्नाथ को श्वेत वस्त्र धारण करा मंगला आरती की गयी। इसके बाद सुबह 56 व्यजंनो का भोग लगाया गया। सामाजिक संस्था ने भी प्रभु को मक्खन मिश्री का भोग लगाया। मंगला आरती के बाद रथ का स्पर्श करने और प्रभु जगन्नाथ के चरणों में तुलसी दल अर्पित करने की भक्तो में होड़ मची रही। दिन चढ़ने के साथ भीड़ बढ़ती गयी। पूर्वान्ह 11.30 बजे भगवान के रथ को खीच कर भक्त रथयात्रा चौराहे पर ले आये। दोपहर 12 बजे भोग व आरती के पश्चात पट बंद कर दिया गया। अपरान्ह तीन बजे आरती के साथ पुन: दर्शन शुरू हुआ । इसके बाद आठ बजे आरती, रात 12 बजे शयन आरती होगी । भोर में भगवान और भाई बलभद्र बहन सुभद्रा के विग्रह को डोली में सवार करा कर वापस अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर में ले जाया जायेगा। उधर मेले के लोगों के कदम खुद ब खुद मेला क्षेत्र की ओर बढ़ते रहे। रंग-बिरंगी झालरों से सजे रथ की आभा निहारने के लिए लगा पूरा शहर मेला क्षेत्र में समा गया हैं। रथयात्रा चौराहे से पहले ही सड़क पर ही लंबी कतार लगी रही। लोग रथ की परिक्रमा करते रहे। रथयात्रा की दोनों पटरियों पर कहीं तुलसी दल लिए बच्चों की भीड़ लगी रही। झूले, चर्खियों पर मस्ती भरे शोर देर शाम तक गूंजता रहा।