लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि लखनऊ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक की पूर्व संध्या पर “कोई अल्पसंख्यक नहीं, भारत में सभी हिन्दू है“ का बयान पूर्णतया असंवैधानिक कृत्य है और सांप्रदायिक सद्भाव के विरोध में है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ न तो कभी हिन्दुओं के हित में रहा है और नहीं मुस्लिमों के। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ये चाले हिन्दू भी अच्छी तरह समझता है और वह इस तरह के बयानों से गुमराह नहीं होनेवाला है। उसकी अल्पसंख्यको के प्रति विभेदकारी नीति भी सर्वविदित है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाकायदा एक रणनीति के तहत समाज को बांटने का काम कर रहा है। उसकी शाखाओं में अल्पसंख्यकों के विरूद्ध पाठ पढ़ाए जाते है। भारत बहुधर्मी, बहुभाषी और बहु उपासना वालों का देश है। यहां सबको राष्ट्रीय धारा में जोड़कर चलने की जरूरत है। तभी देश के विकास में सबका सहयोग मिलने की आशा की जा सकती है। भारत में अल्पसंख्यकों की आजादी की लड़ाई और उसके बाद देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सीमाओं की सुरक्षा में भी उनके शौर्य और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह कृत्य अत्यंत गंम्भीर और सामाजिक सद्भाव को चोट पहुॅचाने वाला है। इनको न हिन्दू से कोई मतलब है और नहीं मुस्लिम से। संघ की मानसिकता भारत की प्राचीन समन्वयवादी विचारधारा के भी विपरीत है। समाजवादी पार्टी संघ और भाजपा की सांप्रदायिक विचारधारा के खिलाफ प्रारम्भ से ही लड़ती आई है। श्री मुलायम सिंह यादव ने हमेशा इस बात पर बल दिया है कि किसान और मुसलमान इस देश की रीढ़ हैं। दस्तकारी के कामों में उन्हीं का वर्चस्व है। अल्पसंख्यक समाज राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में पूरी तरह सहभागी है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का यह कथन भी स्मरणीय है कि सांप्रदायिक बनना आसान है, धर्मनिरपेक्ष होना कठिन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसकी दूसरी शाखाएं भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल आदि देश में सांप्रदायिकता का जहर फैलाने में लगी है। उनका मकसद प्रदेश में आतंक और अशांति फैलाना है। समाजवादी सरकार इन्हें कभी धर्मनिरपेक्षता विरोधी मंसूबों में सफल नहीं होने देगी।