सरकार ने बताया- कुछ रोहिंग्या गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल, इसलिए नहीं दिया ‘शरणार्थी’ का दर्जा
प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स को सजग किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि ‘अवैध प्रवासी’ भारत में प्रवेश नहीं कर सकें। उन्होंने कहा कि फरवरी, 2018 में राज्यों को जारी ताजा एडवाइजरी में कहा गया है कि वे अपने यहां मौजूद रोहिंग्या की गणना करें और उन्हें एक निश्चित क्षेत्र में सीमित रखें। राज्यों को रोहिंग्या की गतिविधि पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि सरकार को रोहिंग्या लोगों के अवैध गतिविधि में शामिल होने की रिपोर्ट्स मिली हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या भारत में शरणार्थी नहीं हैं, वरन अवैध प्रवासी हैं। वे किसी भी सरकारी सुविधा के हकदार नहीं हैं।
जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक रोहिंग्या : सरकार
रिजिजू ने कहा कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि रोहिंग्या प्रवासी किसी तरह का सरकारी दस्तावेज हासिल नहीं कर पाएं। ऐसा इसलिए ताकि बाद में वे भारतीय नागरिकता का दावा न कर सकें। सबसे अधिक रोहिंग्या जम्मू कश्मीर में हैं। इसके अलावा तेलंगाना, दिल्ली और हरियाणा में हैं।
राज्यों को भी अवैध प्रवासियों को वापस भेजने का अधिकार : गृहमंत्री
राजनाथ सिंह ने बताया कि राज्यों से रोहिंग्या के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद यह विदेश मंत्रालय को सौंपी जाएगी जिसके बाद वह इन्हें वापस भेजने के बारे में म्यांमार की सरकार से बात करेगा। उन्होंने बताया कि कानूनी तौर पर राज्य भी अवैध प्रवासियों को उनके देश भेज सकते हैं।