सिंगल ब्रांड रीटेल में 100 फीसदी विदेशी निवेश को केंद्र की मंजूरी, छोटे व्यापारियों में गुस्सा
नई दिल्ली: उद्योग जगत के साथ साथ संगठित क्षेत्र के खुदरा विक्रेताओं के संगठन ने एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग के जरिये 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति का स्वागत किया है. उन्होंने सरकार के इस फैसले को सकारात्मक कदम बताया है. हालांकि, छोटे व्यापारियों के संगठन कैट ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुये कहा है कि इससे खुदरा क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रवेश काफी आसान हो जायेगा.
देश में अब तक एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में स्वत: मंजूरी मार्ग से केवल 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति थी. इससे अधिक एफडीआई लाने के लिये सरकारी मंजूरी आवश्यक थी. अब 100 प्रतिशत एफडीआई बिना मंजूरी के किया जा सकेगा. इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर खरीदारी के नियमों को भी पांच साल के लिये उदार बना दिया गया है.
संगठित क्षेत्र के खुदरा विक्रेताओं के संगठन ‘रिटेलर्स एसोसियेसन आफ इंडिया (आरएआई)’ के प्रमुख कुमार राजगोपालन ने एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘हमारा मानना है कि स्वत: मंजूरी मार्ग से शत प्रतिशत एफडीआई की अनुमति मिलने से विदेशी निवेशकों के साथ साथ घरेलू ब्रांड के लिये प्रक्रिया आसान होगी.’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक कंपनियां एक भागीदार के रूप में बेहतर आपूर्तिकर्ता को साथ लेने में समय लेतीं हैं. ऐसे में स्थानीय स्तर पर खरीदारी के लिये अधिक समय दिये जाने को अनुकूल माना जा रहा है. ऐसे में वैश्विक ब्रांड के लिये बेहतर आपूर्तिकर्ता के लिये समझौता नहीं करना होगा.
थोक व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने हालांकि, सरकार के इस कदम का विरोध किया है. उसका कहना है कि स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति से बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश के खुदरा व्यापार में उतरना आसान हो जायेगा. संगठन ने कहा है कि इस कदम से भाजपा के चुनावी वादे का भी उल्लंघन हुआ है. संगठन ने छोटे कारोबारियों के लिये इसे गंभीर विषय बताया है. इससे मौजूदा खुदरा व्यापारियों के कल्याण, उन्नयन और आधुनिकीकरण प्रक्रिया को झटका लगेगा.