वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को संसद में अगले वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश करेंगे। इस पर वेतनभोगियों का कहना है कि आयकर की छूट सीमा में बढ़ोतरी की जाए।
देहरादून: वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को संसद में अगले वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश करेंगे। बजट में क्या होना चाहिए। इस पर वेतनभोगियों का कहना है कि आयकर की छूट सीमा में बढ़ोतरी की जाए।
महंगाई को रोकने के लिए नए करों का प्रावधान न हो
सरकारी कर्मचारी रामचंद्र रतूड़ी का कहना है कि आयकर की छूट सीमा में बढ़ोतरी की जाए। महंगाई को रोकने के लिए नए करों का प्रावधान न हो। प्रोविडेंट फंड की सीमा को बढ़ाकर 15 फीसद किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य व जीवन बीमा योजना के प्रीमियम पर टैक्स कम किए जाए।
आयकर छूट की सीमा कम से कम पांच लाख होनी चाहिए
निजी कंपनी के मैनेजर देवेश सिंघल का कहना है कि निजी कर्मचारियों के लिए इंश्योरेंस कवर की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। पेट्रोल पदार्थों पर शुल्क की कमी हो ताकि जनता पर बोझ कम पड़े। आयकर छूट की सीमा कम से कम पांच लाख होनी चाहिए। बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए नए करों का प्रावधान न हो।
जीवन बीमा के प्रीमियम पर टैक्स को कम किया जाना चाहिए
निजी शिक्षक रविंद्र पाल सिंह मेहता का कहना है कि प्राइवेट संस्थानों में कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधा मिले। जीवन बीमा के प्रीमियम पर टैक्स को कम किया जाना चाहिए। आयकर छूट की सीमा अगर न्यूनतम पांच लाख होगी तो फायदा मिलेगा। रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे घरेलू गैस आदि पर शुल्क कम किया जाए।
निजी सेक्टर के कर्मचारियों को टैक्स में ज्यादा छूट मिलनी चाहिए
निजी कंपनी के महाप्रबंधक विकास आनंद का कहना कि निजी सेक्टर के कर्मचारियों को टैक्स में ज्यादा छूट मिलनी चाहिए। निजी कर्मचारियों को अन्य सुविधाओं पर देय फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को कम किया जाना चाहिए। आयकर स्लैब में बदलाव कर छूट सीमा को बढ़ाना चाहिए। बढ़ती महंगाई को कम करने के लिए किसी नए कर का प्रावधान न हो।
प्राइवेट संस्था व संस्थान चलाने वालों को टैक्स में छूट मिले
निजी शिक्षक उमा उपाध्याय का कहना है कि प्राइवेट संस्था व संस्थान चलाने वालों को टैक्स में छूट मिले। आयकर की छूट सीमा को कम से कम से पांच लाख करना चाहिए। महंगाई रोकने के लिए रोजमर्रा की वस्तुओं पर शुल्क में कटौती हो। जीवन बीमा पर लगने वाले टैक्स को कम किया जाना चाहिए।
निजी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए विशेष योजना बनाई जाए
निजी शिक्षक शहजाद अहमद का कहना है कि निजी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए विशेष योजना बनाई जाए। फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को कम किया जाना चाहिए। आयकर की छूट सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। निजी क्षेत्र में कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड ही जमा पूंजी है, इससे बढ़ाया जाना चाहिए।