स्वप्ना बर्मन ने पुराने जूतों से जीता गोल्ड!
नई दिल्ली : एशियन गेम्स के 11वें दिन 11वें गोल्ड मेडल की खुशखबरी देने वाली भारत की स्वप्ना बर्मन के इस सफल को चोट और कुदरत भी नहीं रोक सकी। उन्होंने 800 मीटर की रेस में 808 अंक हासिल किए और सात अलग अलग इवेंट में कुल 6026 अंकों के साथ के साथ गोल्ड पर कब्जा जमा लिया, लेकिन स्वप्ना के लिए ये सफर किसी सपने के सच होने जैसा है, उनके जीवन में मुश्किलें एक के बाद एक आती गईं, और एक अच्छी खिलाड़ी की तरह उन्होंने उन बाधाओं को भी पार किया। वो एक ऐसे खेल को खेल की खिलाड़ी हैं, जिसमें सारी बाजीगरी उनके पैरों की है।
हैप्टाथलॉन एक तरह की दौड़ है और स्वप्ना के लिए सबसे बड़ी मुश्किल थी अपने लिए सही जूतों का इंतजाम करना। दरअसल स्वप्ना के दोनों पैरों में छह छह अंगुलियां हैं। ऐसे में कोई जूता आसानी से उनके पैरों में नहीं आता है। कसे जूते पहनकर दौड़ा नहीं जा सकता। इस कारण होने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने ने रायटर्स को बताता, गेम्स से पहले, मेरी सबसे बड़ी चिंता था कि मुझे हाई जंप के लिए सही जूते नहीं मिल रहे थे। उन्होंने बताया, मैंने कभी भी जूतों के कस्टोमाइज नहीं किया और मैं जिन जूतों से काम चला रही थी, दुर्भाग्य से वो मॉडल भारत में मौजूद नहीं था।