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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 134वां स्थापना दिवस है. दल के स्वरूप में कांग्रेस 133 वर्ष पूर्ण कर चुकी है. कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई. ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, कांग्रेस का जन्मांक 1 और भाग्यांक 8 है. कांग्रेस सूर्य और शनि ग्रह से गहरा प्रभाव रखती है. सूर्य के कारण वह दीर्घकाल तक प्रभावी प्रदर्शन करती आई है. दल के लोगों को प्रबंधन प्रशासन की समझ रही है. शनि के प्रभाव से कांग्रेस आमजन में गहरे तक पैठ बनाने में शुरूआती दौर में तेजी से सफल रही. शनि के कारण ही यह प्रभाव गहरे तक जनमानस में बना हुआ है.
कांग्रेस का 134वां साल रहेगा प्रभावशाली
134वें वर्ष में पार्टी के प्रदर्शन की बात करें तो यह पुनः प्रभावशाली रहने वाला है. कांग्रेस के लिए सकारात्मकता बढ़ाने वाला है. जनता का विश्वास पाने में सहायक है. खोई जमीन पाने में कांग्रेस के लिए 134वां वर्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. कारण, शनि के अंक 8 का पुनः प्राप्त होना. 134 का योग 8 होता है. निश्चित ही वह 134वें प्रवेश से पहले तीन राज्यों में सत्ता प्राप्ति से उत्साहित है.
बढ़ेगी कांग्रेस की साख
ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश कुमार शर्मा ने अंकशास्त्री और भारतीय वैदिक ज्योतिष से स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि 134वां वर्ष भाग्यांक 8 से जुड़ा होने से यह वर्षांक निश्चित ही कांग्रेस के लिए योगकारक और महत्वपूर्ण है. कांग्रेस की साख बढ़ाने में सहायक है. इसके अलावा, कांग्रेस की स्थापना दिवस को चंद्र राशि कन्या थी. नाम राशि में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राशि धनु होती है. और, चलन के नाम कांग्रेस से देखें तो उसकी मिथुन राशि होती है. जन्मराशि कन्या और चलन नामराशि मिथुन दोनों का ही स्वामी बुध है. बुध सदा ही तर्क विज्ञान गणित वाणिज्यादि विषयों को महत्व प्रदान करता है. कांग्रेस की राजनीति में भी इन विषयों को प्रधानता में शुरूआत से ही रखा गया है.
शनि बढ़ाएगा थोड़ी चिंता
बुध को समझें तो शनि और सूर्य दोंनों का मित्र है. देवताओं के गुरु बृहस्पति का पुत्र है. सन 2019 गुरु के अंक 3 से जुड़ता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि 134वें वर्ष और सन् 2019 के अंक कांग्रेस के लिए हितकर हैं. राशि ग्रह के आधार पर भी मिथुन राशि के लिए प्रमुख ग्रह शनि और गुरु दोनों की ही सकारात्मता बनी हुई है. धनु राशि मुख्यदल भाजपा की भी है. इसलिए यह विचार योग्य नहीं है. कन्या राशि के अनुसार भी गुरु की प्रबलता बनी रहने वाली है. चौथे भाव का शनि जरूर थोड़ी चिंता बढ़ाएगा लेकिन कन्या राशि के लिए वह योगकारक ही है.