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अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह का खुलासा, 75 करोड़ की हेरोइन बरामद


चंडीगढ़ : पुलिस के ख़ुफ़िया विंग को सरहद पार पाकिस्तान से चल रही नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी का पर्दाफाश करने में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। इसने हेरोइन की तस्करी के साथ संबंधित 4 व्यक्तियों और एक पूर्व सैनिक को गिरफ़्तार किया है। पुलिस नेे संदिग्ध से 14.8 किलो हेरोइन, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में । 4 करोड़ बतायी गई है, और 0.30 बोर की एक पिस्तौल बरामद की है। इसी दौरान संदिग्ध व्यक्ति ने तस्करी के इस गोरख़धंधे में सरहद पर तैनात बी.एस.एफ. के एक सैनिक और दो अन्य सहयोगियों के नाम भी बताए हैं।

नशा तस्करी की साजिश में शामिल इस सैनिक की भूमिका संबंधी बी.एस.एफ. को सूचित कर दिया है और दोषियों के खि़लाफ़ बनती कार्यवाही करने की अपील भी की गई है। इस संबंधी धारा 21, 25, 29 एन.डी.पी.एस. एक्ट, 25 आर्मज़ एक्ट के अंतर्गत थाना एस.एस.ओ.सी. (स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल्ल) अमृतसर में मुकद्मा भी दर्ज कर लिया गया है। जि़क्रयोग्य है कि यह गिरफ़्तारी इसलिए संभव हो सकी क्योंकि एस.एस.ओ.सी. को यह सूचना मिली थी कि अमृतसर और तरन तारन इलाकों के कुछ नशा तस्कर पाकिस्तान के तस्करों के संपर्क में हैं और हिंद-पाक सरहद के रामदास सैक्टर के द्वारा हेरोइन की तस्करी करने में सक्रिय हैं। इस गिरफ़्तारी में शामिल एक संदिग्ध तरविन्दर सिंह पूर्व सैनिक, जो भारतीय सेना की 13 सिख बटालियन में 16 साल बतौर सिपाही सेवा निभाकर 2016 में रिटायर हो चुका है और अमृतसर जि़ले के गाँव नवां जीवन, लोपोके के निवासी अजीत सिंह का पुत्र बताया जाता है।

इसके अलावा अन्यों की पहचान सुखराज सिंह उर्फ राजा पुत्र बलकार निवासी चक्क पंडोरी लोपोके, अमृतसर, गुरलाल सिंह पुत्र मंगता सिंह निवासी गाँव बिधि चंद चिन्ना, सराए अमानत ख़ान, तरन तारन और सरबजीत सिंह पुत्र मलकीत सिंह निवासी गाँव बिधि चंद चिन्ना, सराए अमानत ख़ान, तरनतारन के तौर पर की गई है। प्राथमिक जाँच के दौरान दोषियों ने यह कबूला कि वे बीती 29/30 जून की रात को सरहद पार से नशों की खेप रामदास सैक्टर के द्वारा लाने में सफल हो गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि बी.एस.एफ. का एक सिपाही चैंथिलराज कनागाराज (नंबर 041465015), जो कि उस रात ड्यूटी पर तैनात था, भी नशे की इस तस्करी में उनके साथ शामिल था।

दोषियों ने बिक्रमजीत सिंह पुत्र सुभेग सिंह निवासी गाँव मंझ, लोपोके, अंमृतसर, गुरजंत सिंह पुत्र बलदेव सिंह वासी गाँव सारंगरा, लोपोके, अमृतसर के भी नशे के इस गोरख़धंधे में शामिल होने की बात कबूली है। जाँच के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि पिछले कुछ समय से तरविंदर, बिक्रमजीत सिंह और चैंथिलराज कनागाराज (सी.के राज) अलग -अलग सोशल मीडिया ऐप्ज़ के द्वारा पाकिस्तानी तस्करों के निरंतर संपर्क में थे और यह भी पता चला है कि बिक्रमजीत पहले भी हेरोइन से संबंधित 2011 के एक मुकद्मे में गिरफ्तार होने के बाद जेल जा चुका है और सितम्बर 2011 में ज़मानत पर बाहर आया था। इस संबंधी बी.एस.एफ को सूचना दी जा चुकी है और सिपाही चैंथिलराज कनागाराज (सी.के राज) के खि़लाफ़ बीएसएफ एक्ट के अंतर्गत अगली बनती कार्यवाही शुरू करने की उम्मीद की जा रही है।

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