रामेश्वरम: पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अपने अंतिम सफर पर रवाना हो गए हैं। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक आवास से स्थानीय मस्जिद ले जाया जा चुका है जहां ‘जनता के राष्ट्रपति’ को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक हजारों की संख्या में लोग इस द्वीपीय शहर में पहुंचे हुए हैं। पूर्व राष्ट्रपति का सोमवार को शिलांग में एक व्याख्यान देने के दौरान दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कई राज्यों के मुयमंत्री और कई अन्य पदाधिकारी ‘नमाज-ए-जनाजा’ के बाद सुबह 11 बजे डॉ कलाम के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहेंगे। पारंपरिक हरे रंग की शॉल में लिपटे ताबूत में रखे डॉ. कलाम के पार्थिव शरीर को तीनों सेवाओं के जवानों द्वारा सुबह साढ़े नौ बजे उनके पैतृक आवास से मस्जिद ले जाया गया। मस्जिद में प्रमुख इमाम विशेष (जनाजे की नमाज) नमाज अदा कराएंगे और पूर्व राष्ट्रपति के बारे में कुछ शब्द कहेंगे। कलाम का जन्म रामेश्वरम में हुआ था और उनका बचपन इसी द्वीप पर बीता। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार वाली जगह ले जाया जाएगा और वहां पर उनके लिए दुआ की जाएगी।
राज्य में पहुंचने के बाद ‘मिसाइल मैन’ का पार्थिव शरीर संकरी पल्लीवसल स्ट्रीट पर स्थित उनके आवास में कल रात लगभग 10 बजे लाया गया। इसके बाद पार्थिव शरीर के पास केवल परिवार के सदस्य ही रह गए थे। कलाम को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों शोकाकुल लोगों का विभिन्न साधनों के जरिए रामेश्वरम पहुंचना लगातार जारी है। कोई बस या ट्रेन से आया था तो कोई नौका के जरिए यहां तक पहुंचा था। कलाम के प्रति लोगों के दिल में मौजूद प्रेम की ही यह बानगी थी कि कितने ही लोग सुबह के इंतजार में कल रात सड़कों पर भी सोए। ‘जनता के राष्ट्रपति’ के सम्मान में सिर्फ शहर में ही नहीं बल्कि पूरे तमिलनाडु में दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और होटल बंद रहे। पुलिस ने कहा कि शहर के भीतर और आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। समुद्र में नौसेना, तटरक्षक और मरीन पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। तमिलनाडु सरकार ने कलाम के सम्मान में आज सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।