अक्षय कुमार: शौचालयों की कमी सिर्फ गांवों में नहीं, शहरों में भी हैं
नई दिल्ली: अक्षय कुमार इन दिनों अपनी फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ के प्रमोशन में लगे हैं. इस फिल्म के जरिए अक्षय ग्रामीण इलाकों में शौचालय की कमी जैसे मुद्दे को समाने ला रहे हैं. अपनी इस फिल्म के सिलसिले में अक्षय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं. ऐसे में अक्षय का कहना है कि भले ही उनकी यह फिल्म ग्रामीण परिवेश से संबंधित है, लेकिन यह ग्रामीण लोगों की तुलना में शहरी लोगों के लिए अधिक प्रासंगिक है. लेकिन ऐसा नहीं है कि शौचालय की कमी सिर्फ ग्रामीण इलाकों की समस्या है, बल्कि अक्षय का मनना है कि शहरों में भी यह समस्या है और शहरों में भी इसपर उतना ही काम करने की जरूरत है.
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न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार अक्षय ने कहा, ‘खुले में शौच का मुद्दा केवल ग्रामीण क्षेत्रों की समस्या नहीं है. यह शहरों में भी एक बड़ी समस्या है, बल्कि बड़े शहरों में यह परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक खतरनाक है. हम कंक्रीट के जंगल में रहते हैं और ऐसे में यहां रोगाणु और बैक्टीरिया अधिक तेजी से फैलता है.’
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अक्षय ने कहा, ‘एक पल के लिए भी ऐसा न सोचें कि यह फिल्म ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है. यह शहरी लोगों से भी संबंधित है, क्योंकि गांवों की तुलना में शहरों में इससे ज्यादा खतरा है.’ अक्षय कुमार की इस फिल्म में ‘दम लगा कर हईशा’ के बाद भूमि पेडनेकर बेहद अलग अवतार में नजर आने वाली हैं.
अक्सर सामाजिक मुद्दों पर बात करने वाले अक्षय ने हाल ही में मुंबई में आयोजित एक इवेंट में बताया था कि उनका भी बचपन में शारीरिक शोषण जैसी घटना से सामना हुआ है. अक्षय ने बताया कि जब वह लड़के थे तो उन्हें गलत तरीके से छुआ गया था. मुंबई में मानव तस्करी पर आयोजित एक अंतराष्ट्रीय इवेंट में बोलते हुए अक्षय ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘मैं आप सब के साथ अपना अनुभव साझा करना चाहता हूं. जब मैं बच्चा था, एक लिफ्टमैन ने मुझे गलत तरीके से छुआ था.’