अगर आपने लगाई है बासमती 1637, तो जरुर पढ़े ये खबर वर्ना बहुत पछताएंगे आओ
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की किस्म पूसा 1637 जो कि बासमती 1 किस्म (पीबी 1) का सुधरा रूप की रोपाई काफी हुई है। दावा किया गया था कि इस किस्म में ब्लास्ट रोग के प्रति सहनशील है। लेकिन अब इस किस्म में बकाणी रोग (झंडा रोग) देखा जा रहा है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि बासमती 1 यानि पीबी 1 में बकाणी रोग नहीं आता। लेकिन पीबी 1 की ही सुधरी हुई किस्म पूसा 1637 में कुछ जगह पर बकाणी रोग देखा गया है। बकाणी रोग आने से किसान चिंतित हैं और इस किस्म के रोगरोधी होने पर सवालिया निशान लग गया है।
क्या है बकानी रोग
पीबी 1 में नहीं आता बकानी रोग तो फिर 1637 में कैसे आया
पीबी 1 में बकानी आमतौर पर बकानी रोग नहीं आता। बकानी रोग बासमती 1121 और डीबी 1401 में ज्यादा आता है। अब सवाल यह है कि जब पीबी 1 में यह रोग नहीं आता तो फिर पीबी 1 की ही सुधरी हुई किस्म पूसा 1637 में यह कैसे आया। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पूसा 1637 में बकानी रोग आ रहा है तो इसके कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा कारण यह है कि हो सकता है कि किसानों को नकली बीज मिलें हों। बीज में पीबी किसी दूसरे बीज की मिलावट हो। अभी तक कुछ एक जगहों पर ही पूसा 1637 में झंडा रोग या बकानी रोग देखने को मिला है। अगले 15 दिनों में सही स्थिति का पता चलेगा।
नहीं लगता झुलसा रोग
पूसा 1637 किस्म की खास बात है कि इसमें झुलसा (ब्लास्ट) रोग नहीं लगेगा। झुलसा रोग धान का एक प्रमुख रोग है। यह रोग बड़ी तेजी से फैलता है और इसके काबू करना बहुत कठिन होता है। यह पैदावार को भारी नुकसान पहुंचाता है। इसे रोकने के लिए महंगे कीटनाशकों का स्प्रे करना पड़ता है। पूसा 1637 को इस बीमारी से लड़ने में सक्षम बताया गया है।
क्या करें किसान
किसानों को अपने खेत का रोज निरीक्षण करना चाहिए। उन्हें यह सोचकर निश्चिंत नहीं होना चाहिए कि उन्होंने तो पूसा 1637 लगाई है और इसमें बकानी रोग नहीं आएगा। अगर खेत में बकानी रोग से ग्रसित कोई भी पौधा नजर आए तो कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर दवाई डालें।