चिकन, मटन शौक से खाने वालों को पता ही नहीं रहता है कि बिना एंटीबायोटिक खाए उनके शरीर में पल रहे बैक्टीरिया मेें कई दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है। इन बैक्टीरिया की संख्या किन्हीं कारणों से उनके शरीर में अधिक होती है और वे बीमार पड़ते हैं तो दवाएं असर नहीं करतीं।
कानपुर मेडिकल कालेज में आयोजित जेम्स कॉन में आए अमेरिका के स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के मल्टी स्पेशलिटी डिवीजन के प्रोफेसर डॉ. प्रवीण कालरा ने यह तथ्य उजागर किया। वह इस पर अध्ययन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मांसाहारी फूड हैबिट वातावरण के लिए खतरनाक है।
सबसे अधिक एंटीबायोटिक का इस्तेमाल जानवरों और चिकन के इलाज में होता है। जानवर एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल के कारण रिसेस्टेंट हो जाता है।
उसका गोश्त खाने में वही बैक्टीरिया मानव को एंटीबायोटिक से रिसेस्टेंट बना देते हैं। डॉ. कालरा ने बताया कि सेहत की दृष्टि शाकाहारी भोजन सबसे अच्छा होता है।