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सरकार ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और डाकखानों के जरिए परिचालित किसान विकास पत्र जैसी अन्य लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर जनवरी-मार्च तिमाही में अपरिवर्तित रखने का निर्णय किया है. सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जबकि वाणिज्यिक बैंक ब्याज दरें घटा रहे हैं.
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सरकार ने लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों की तिमाही समीक्षा की नई व्यवस्था पिछले साल अप्रैल से शुरू की है. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि पीपीएफ पर आठ प्रतिशत वार्षिक की मौजूदा ब्याज दर जनवरी-मार्च तिमाही में भी बनी रहेगी. पांच साल की परिपक्वता वाले राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) पर भी यही दर लागू होगी. इसी प्रकार 112 महीनों की परिपक्वता वाले किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.7 प्रतिशत वार्षिक पर अपरिवर्तित रखी गई है.
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सुकन्या समृद्धि खाता योजना पर 8.5 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (पांच वर्ष) पर 8.5 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर में भी बदलाव नहीं किया गया है. पांच साल के आवर्ती जमाओं पर जनवरी-मार्च तिमाही में ब्याज दर 7.3 प्रतिशत पर बनी रहेगी. इस समय बचत खातों पर लोगों को चार प्रतिशत की दर से और एक से पांच वर्ष की मियाद वाली बैंक जमाओं पर 7-7.8 प्रतिशत का ब्याज चल रहा है.
बैंकों से गरीबों तथा निम्न मध्यम वर्ग को कर्ज सहायता में प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और सरकारी क्षेत्र के दो अन्य बैंकों पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) ने अपनी विभिन्न परिपक्वता अवधि के कर्ज की मानक दरों में 0.9 प्रतिशत तक की कटौती की घोषणा की है.