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अगस्ता वेस्टलैंड में एजेंसी के माध्यम से राहुल-सोनिया का नाम लिया जा रहा : एके एंटनी


नई दिल्ली : कांग्रेस नेता, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार में उनके मंत्रालय के कामकाज में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का कभी कोई हस्ताक्षेप नहीं रहा। भारतीय जनता पार्टी मामले पर झूठ पर झूठ बोलकर राजनीतिक विद्वेष के चलते एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में सोनिया-राहुल गांधी को फंसाने की कोशिश कर रही है। संसद में आयोजित प्रेसवार्ता में एंटनी ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले पर कहा कि वह इस मुद्दे को सदन के पटल पर उठा चुके हैं और रक्षा मंत्रालय से उस समय एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी। एंटनी ने कहा कि मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी ने कभी किसी रक्षा सौदे में कोई रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि इस तरह के रक्षा सौदे में पूरी तरह से प्रक्रिया का पालन किया गया था। एसपीजी, वायु सेना एवं रक्षा मंत्रालय की समिति ने इस सौदे को लेकर अपनी सिफारिशें दी थी।

इटली में इससे जुड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद हमने मामले में सीबीआई जांच की घोषणा की। हमारी सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड से केस लड़ कर जितने भी सौदे से जुड़ी अग्रिम धनराशि दी गई थी वह वापस ली। इसके बाद हमने उसके ब्लैक लिस्ट करने का प्रक्रिया भी शुरू कर दी। पूर्व रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे दंडित करने की बजाय मेक इन इंडिया में अपना सहयोगी भी बना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान मोदी सरकार राफेल सौदे पर जेपीसी गठित करने को लेकर चिंता में है। उन्हें पता है कि अगर जेपीसी गठित होती है तो सभी फाइलें मंगाई जाएंगी एवं अधिकारियों को तलब किया जाएगा और उनके राज खुल जाएंगे। इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 15 फरवरी 2013 को अगस्ता वेस्टलैंड को नोटिस जारी कर ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई थी। यह ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही 3 जुलाई 2014 तक चली। लेकिन मोदी सरकार ने आते ही अटॉर्नी जनरल से ब्लैक लिस्टिंग हटाने के बारे में पूछा और बाद में इसे खत्म कर दिया।

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