अध्यात्म की जगह राजनीति में रम गई काशी
वाराणसी। देश की 16वीं लोकसभा के लिए में जारी चुनाव में विश्व की प्रचीनतम नगरी काशी इन दिनों अध्यात्म से ज्यादा राजनीति में रम गई है। काशी में कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना है।यहां हर गली-नुक्कड़ों पर राजनीति गतिविधियां जोरों पर हैं। चुनाव के अंतिम और नौवें चरण के तहत काशी में सोमवार 12 मई को होने वाले मतदान के लिए प्रचार शनिवार शाम समाप्त हो गया। सभी पार्टियों ने इस सीट के लिए अपना पूरा दमखम झोंक दिया है।हर जगह रंग-बिरंगी राजनैतिक दलों की टोपियां लगाए लोगों की भीड़ है।मंदिरों के इस शहर में गुजरात दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों से आए लोगों की भरमार है जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी (आप) उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय के बीच के मुकाबले को देखने आए हैं।वाराणसी के धर्मशालाओं होटलों अतिथिगृहों और सरकारी आवासीय परिसरों में कमरे खाली नहीं हैं क्योंकि सभी विभिन्न पार्टियों ने नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए बुक करा रखे हैं।गर्मी की तपती धूप में वाराणसी में 4० उम्मीदवारों ने लगातार प्रचार किया है।जिले में बुनकर समुदाय ने सभी दलों को आकर्षित किया है। यहां 2 5०००० से ज्यादा मतदाता बुनकर समुदाय से हैं।चुनाव प्रचार और वीआईपी नेताओं के आगमन के कारण शहरवासियों को अंतहीन जाम का सामना करना पड़ा है। भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का दावा है कि वाराणसी में भाजपा भारी मतों से जीतेगी।वाराणसी में अब मुकाबला मुख्य रूप से भाजपा के मोदी और आप के केजरीवाल के बीच है।मोदी के प्रशंसक गोपाल मिश्रा ने आईएएनएस से कहा कि शहर पहले ही मोदी को जिताने का फैसला कर चुका है। उनके मुताबिक मोदी के विरोधी अपना वक्त जाया कर रहे हैं।आप के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी मोदी लहर को खारिज करते हैं। उन्होंने दावा किया कि परिणाम मोदी और उनके समर्थकों को हैरान करने वाले होंगे।हर जगह पार्टियों के झंडे और मोदी राहुल और केजरीवाल के मुखौटे लगाए कार्यकर्ता देखे जा सकते हैं।शहर में पूरे चुनाव अभियान के दौरान भाजपा के ‘हर हर मोदी घर घर मोदी’ और ‘अबकी बार मोदी सरकार’ के नारे और आप के ‘बाहर निकलो मकानों से जंग लड़ो बेईमानों से’ के नारे गूंजते रहे हैं।