नई दिल्ली एजेंसी)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि सरकार से यह कहना कि अध्यादेश फाड़ कर फेंक दिया जाए शिष्ट नहीं था और उन्होंने इस घटना से सीख ली है। राहुल औद्योगिक संस्था फिक्की द्वारा आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा ‘‘मैंने इस घटना से सबक भी लिया। मुझे समझ में आ गया है कि सरकार से अध्यादेश फाड़ कर फेंकने के लिए कहना शिष्ट नहीं है।’’ विपक्ष ने राहुल गांधी की उस समय तीखी आलोचना की थी जब उन्होंने सार्वजनिक तौर पर उस अध्यादेश की आलोचना की थी जिसे दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों को बचाने के लिए लाया गया था। इस अध्यादेश को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। राहुल गांधी की आलोचना के बाद मंत्रिमंडल ने अध्यादेश वापस ले लिया था।