अफगानिस्तान में फंसे हैं लुधियाना के 24 लोग, गुरुद्वारा साहिब में ले रखी है शरण
लुधियाना: अफगानिस्तान में तालिबान राज कायम होने के बाद अफगानिस्तान छोड़ने को लेकर लोगों में मारामारी शुरू हो गई। जो अपने-अपने देशों में नहीं जा पा रहे वे अलग-अलग स्थानों में शरण लिए हुए हैं। विभिन्न धार्मिक स्थानों पर लोगों ने शरण ली हुई है। एक नई जानकारी के मुताबिक लुधियाना के 24 लोग भी काबुल में फंसे हुए हैं। इन लोगों ने काबुल के गुरुद्वारा साहिब में शरण ले रखी है। इन सभी को फ्लाइट का इंतजार है। इन लोगों ने बताया कि वहां डर का माहौल है। सभी बाजार बंद हैं। न्यू शिवपुरी के संतोख नगर निवासी शेर सिंह एवं उनकी पत्नी बेबी कौर भी काबुल में फंसे हुए हैं। उनके बच्चे लुधियाना में हैं। वे वहां पर कारोबार के सिलसिले में आते-जाते रहते हैं। फोन पर शेर सिंह ने बताया कि काबुल के गुरुद्वारा साहिब में लुधियाना के अलावा अन्य सभी लोग नई दिल्ली के रहने वाले हैं। वहां इस समय कुल 286 लोग हैं, जिनकी लिस्ट बनाकर भारत सरकार को भेजी गई है।
फंसे हुए लोगों में लुधियाना निवासी दर्शन सिंह, भोली कौर, मान सिंह, खिन्ना सिंह, डोडी सिंह, गुरप्रीत सिंह, राजेश सिंह, मोंटू सिंह, जस्सी कौर, गामा सिंह, ताेती सिंह, नौनू सिंह, चूचा सिंह, हरदित सिंह हरो, अमरीक सिंह, बादल सिंह, गौन सिंह तथा रेनू कौर आदि हैं। ये लोग वहां कालीन, कपड़ा, बर्तन व हौजरी का सामान बेचने का काम करते हैं।
उधर, अफगानिस्तान में कब्जे के बाद तालिबान की ओर से महिलाओं की आवाजाही और सड़कों पर फैशन मॉडल के होर्डिंग्स हटाने के कट्टरपंथी फरमान को लागू करने की खबरें सामने आने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन की रिपोर्टों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। गुटरेस ने ट्वीट कर कहा, “मैं अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में अत्यधिक चिंतित हूं, जो फिर से स्याह दिनों के लौटने से भयभीत हैं। वे अपने समर्थन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर निगाहें जमाए हुए हैं। हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।”
नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने भी अफगानिस्तान की महिलाओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है। विभिन्न मीडिया आउटलेट्स रिपोर्ट में बताया कि अशरफ गनी सरकार तख्ता पलट के बाद रविवार को कट्टरपंथी तालिबानी समूह ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद देश में अपने सख्त शरिया कानून लागू करने शुरू कर दिए हैं। सुश्री युसुफजई ने इससे पहले ट्वीट किया, “तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने को लेकर हम सदमे में हैं। मुझे महिलाओं, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार की मुखाल्फत करने वालों की बहुत चिंता हो रही है। वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय ताकतों को तत्काल युद्धविराम का आह्वान करना चाहिए, तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करनी चाहिए और शरणार्थियों तथा नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए।