अफजल गुरु की मौत का इंतकाम था पुलवामा पुलिस लाइन पर हमला
श्रीनगर : बीते रविवार को हुए पुलवामा में पुलिस लाइन पर हुए आतंकी हमले को आतंकियों ने अफजल गुरु की मौत का इंतकाम बताया है। आतंकियों ने इसका खुलासा घटनास्थल पर एक दीवार पर लिखे मैसेज से हुआ है। जिसे उर्दू और इंग्लिश में लिखा गया। आतंकियों ने इन दो भाषाओं में लिखा कि अफजल की मौत का इंतकाम जिससे ये साफ जाहिर होता है कि रविवार को पुलवामा में हुए हमले में आतंकियों का हाथ था। मुठभेड़ में तीनों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। दीवार पर लिखे एजीएस का मतलब अफजल गुरु स्क्वायर है। इस आत्मघाती दस्ते का गठन जैश-ए-मुहम्मद सरगना मौलाना अजहर मसूद ने किया था। जैश-ए-मुहम्मद ने संसद पर हमला किया था। संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को 13 फरवरी साल 2013 में तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी और आतंकियों का कहना है कि पुलवामा पर हमला उसी का प्रतिशोध है। पुलवामा के एसएसपी का कहना है कि मारे गए तीनों आतंकी जैश-ए-मुहम्मद के थे।
वहीं आपको बताते चलें की जैश-ए-मुहम्मद के स्क्वायर अफजल गुरु ने और भी कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया था। इसमें पांच दिसंबर 2014 को कश्मीर में मौहरा, उड़ी में स्थित एक सैन्य शिविर पर हमला, नवंबर 2015 में उत्तरी कश्मीर के टंगडार सैक्टर में सैन्य शिविर पर हमला, पठानकोट एयरबेस पर दिसंबर 2015 में हुए आतंकी हमला और गत दिसंबर 2016 में जम्मू के निकट नगरोटा में सैन्य प्रतिष्ठान पर हुए हमले में भी जैश का अफजल गुरु स्क्वायड ही शामिल था।