दस्तक टाइम्स एजेन्सी/गली-मुहल्लों से लेकर दुनिया के हर कोन-कोने तक, आम इंसान से लेकर बड़ी-बड़ी हस्तियों तक, करोड़ों प्रेम कहानियां चस्पा हैं। हैरत की बात है कि जरायम की दुनिया में भी प्रेम कहानियों का टोटा नहीं है। अपराध जगत की बात छिड़ ही गई है तो बात करतें है हमेशा से मिस्ट्री रही कुख्यात अबु सलेम और अदाकारा मोनिका बेदी की प्रेम कहानी की। मोनिका की मानें तो थोड़े वक्त के लिए ही सही, मोनिका का दिल अबू के लिए धड़का जरूर था।
यूपी के आजमगढ़ के मीर सराय गांव के उस मैकेनिक लड़के से पंजाब के होशियारपुर के छब्बेवाल की उस चुलबुली लड़की को थोड़े वक्त के लिए ही सही, प्यार हो जाएगा, ये उसने कभी सोचा भी नहीं होगा। वक्त की राहों पर प्यार उसे गुनाहों के दलदल तक ले जाएगा, इसका जरा भी इल्म उसे नहीं था। फिल्मफेयर.कॉम और इंडिया-फॉरम्स.कॉम पर प्रकाशित इंटरव्यू की जुबानी अबु सलेम और मोनिका बेदी की प्रेम कहानी।
मोनिका के मुताबिक उन्हें नहीं पता था कि जिस शख्स के लिए उनका दिल धड़क रहा था वो अंडरवर्ल्ड का मोस्ट वॉन्टेड है। उन्हें नहीं पता था कि जिसके साथ वो प्यार की पेंग बढ़ा रही है, उसका असली नाम अबु सलेम है।
साल 1998 में मोनिका पहली दफा फोन पर सलेम के संपर्क में आईं। मोनिका दुबई में थी, फोन पर उन्हें दुबई में एक स्टेज शो में करने के लिए ऑफर मिला था।
मोनिका पेशे से अभिनेत्री हैं, इसलिए स्टेज शो के ऑफर में उनकी दिलचस्पी स्वाभाविक थी। मोनिका के मुताबिक उन्होंने अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील का नाम तो सुना था लेकिन अबु सलेम के नाम से वाकिफ नहीं थी। स्टेज शो के दौरान अबु ने खुद को एक कारोबारी बताया था।
मोनिका के मुताबिक स्टेज शो के पहले अबु नाम बदलकर बातें करता था। लेकिन उसके बात करने का अंदाज ऐसा था कि पहली मुलाकात से पहले ही वो उसे पसंद करने लगी थीं। मोनिका की मानें तो फोन पर हमारी बातें होती थीं लेकिन मुझे लगता था कि कहीं न कहीं हम-दोनों के बीच कोई कनेक्शन जरूर है।
मोनिका बताती हैं कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि किसी शख्स से फोन पर बातें करते-करते मैं उसे इस कदर पसंद करने लगूंगी कि बिना बात के रहा नहीं जाएगा। मैं ये नहीं कहूंगी कि मैं उसके प्यार में पड़ गई थी, लेकिन हां, ये जरूर है कि मैं उसे पसंद करने लगी थी। इतना कि पूरे दिन मैं उसके फोन का बेसब्री से इंतजार करने लगी थी। और जब फोन नहीं आता तो मैं व्याकुल हो उठती थी।
फोन पर बात करने के दौरान अबु मुझे बहुत ही संजीदा और सुलझे हुए इंसान लगे। उनसे बातें करके लगता था कि जैसे वो बहुत ही क्लोज फ्रेंड हैं। मैं उनसे फोन पर अपनी सारी बातें शेयर करने लगी थी। दुबई में शो के बाद हम दोनों इतने करीब आ गए कि अबु हर आधा घंटे में मेरा फोन लगा देते थे। वो मेरी काफी परवाह करने लगे थे।
दुबई में दो बार मिलने के बाद मैं मुंबई वापस आई तो मैंने अबु को मुंबई आने के लिए कहा। लोकिन वो हमेशा कोई बहाना बना देते। अबु मुझे अपना नाम आर्सलन अली बताया था। अबु हमेशा यही नाम इस्तेमाल करते थे। यहां तक की जब पुर्तगाल में हम गिरफ्तार हुए तब भी अबु ने अपना नाम आर्सलन अली बताया था।
अबु नहीं चाहता था कि मैं दुबई से वापस मुंबई जाऊं। इसलिए जब मैं मुंबई में थी तो अबु ने मुझे दुबई आने के लिए फोन किया और कहा कि अगर मुंबई में रहूंगी तो परेशानी में पड़ जाऊंगी। जब मैं दुबई पहुंच गई तो उसने मुझसे कहा कि तुम अब वापस नहीं जाओगी। उसने कहा कि अगर तुम वापस गई तो पुलिस तुमसे मेरे बारे में जानकारियां मागेगी। मुझे लगा था कि दो हफ्ते में वापस मुंबई लौट आऊंगी।
अबु को दुनिया कैसे भी जानती हो, लेकिन मैं जब तक उसके साथ रही, वो मेरे लिए एक आम इंसान की तरह था। वह मेरे साथ अच्छे से पेश आता था। उसने मुझे कभी भी उसके पीछे के स्याह सच से वाकिफ नहीं होने दिया। मैंने हमेशा उसे जरूरतमंदों की मदद करते हुए देखा। वह मुझे दयालु हृदय का लगा। मुझे उसके बीते हुए कल के बारे में कुछ भी पता नहीं था। मुझे नहीं पता था कि उसने क्या गलत किया।
हम दोनों के बीच एक बहुत ही निजी संबंध था। वो किस किससे जुड़ा था मुझे उससे कुछ भी लेना-देना नहीं था। मैं उसके अलावा किसी से नहीं मिली। वह मेरी बहुत फिक्र करता था और मेरा सम्मान भी। मैं कह सकती हूं कि हमारे बीच ‘टाइम पास रिलेशनशिप’ नहीं था।
शुरूआती दिनों में मुझे नहीं पता था कि वो किस तरह का आदमी है, बस उसकी बातें दिल को छू जाती थीं। मैं पहली दफा उसके साथ दो-तीन दिन रहकर मुंबई वापस आई तब भी मेरे साथ उसका अच्छा बर्ताव ही था। लेकिन जब मैं उसके साथ रहने लगी तब मुझे अहसास हुआ कि हम एक-दूसरे के लिए नहीं बने हैं।
मुझे अहसास हुआ कि हम दोनों की सोच-समझ अलग है। तब मुझे लगा कि मैं उसके साथ नहीं रह पाउंगी लेकिन वो समझने को तैयार ही नहीं था।
और फिर वो मनहूस तारीख 18 सितंबर 2002 थी जब हम पुर्तगाल में गिरफ्तार हुए और अलग भी।
गिरफ्तारी के बाद मोनिका ने अपने जीवन के कड़वे अनुभवों के आधार पर एक पत्र में एक शायरी लिखी थी। जो इस प्रकार थी… छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए, ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए, प्यार से भी जरूरी कई काम हैं, प्यार सब कुछ नहीं जिंदगी के लिए।
मोनिका बेदी ने अक्सर अपने इंटरव्यू में कहा है कि वो अबु सलेम के साथ वर्षों तक रहीं जरूर, लेकिन उन्होंने अबु से कभी शादी नहीं की। वहीं, अबु सलेम ने मीडिया को बताया था कि मोनिका से उसकी शादी साल 2000 में लॉस एंजिल्स की एक मस्जिद में हुई थी।