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अब आधार कार्ड से नही नहीं राशन कार्ड, लाइसेंस और पासपोर्ट से वेरिफाई होंगे मोबाइल नंबर

जल्द ही आपको अपने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने पर आलोचना झेल रही सरकार ने नए विकल्पों की तलाश शुरु कर दी है। सरकार मोबाइल वेरिफिकेशन के लिए राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे अन्य आईडी प्रूफ के इस्तेमाल पर विचार कर रही है। 
अब आधार कार्ड से नही नहीं राशन कार्ड, लाइसेंस और पासपोर्ट से वेरिफाई होंगे मोबाइल नंबरएक अधिकारी ने बताया कि हम अन्य विकल्पों से विस्तार के लिए तैयार हैं। हम राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे किसी आईडी प्रूफ के इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। हालांकि इस बात पर भी अभी कोई आम सहमति नहीं बनी है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप ही काम करेगी। वह शीर्ष अदालत के आदेश को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद टेलीकॉम मंत्रालय ने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया था। जिसका लोगों ने विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट में सरकार के इस आदेश के खिलाफ याचिका भी दायर है। 

आधार कार्ड लिंक करने की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2018 हुई

सूत्र ने बताया कि सरकार शीर्ष अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है। वहीं सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड लिंक करने की अनिवार्यता की समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी गई है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सूचित किया कि आधार को जोड़ने की समय सीमा दिसंबर के अंत में खत्म हो रही थी, जिसे बढ़ाकर अगले साल 31 मार्च कर दिया गया है।

गौरतलब है कि मोबाइल और बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता और इसकी संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने आधार को बैंक अकाउंट और मोबाइल से लिंक करने की अनिवार्यता को गैरकानूनी बताया है।

उन्होंने यह भी दावा किया है कि आधार कार्ड को बैंक अकाउंट से नहीं जोड़ने पर नागरिक पीएमएलए ऐक्ट के तहत अभियोजन के लिए उत्तरदायी हो जाएंगे। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि हालांकि सरकार ने समय सीमा अगले साल मार्च तक बढ़ाने का फैसला किया है, लेकिन इसके बावजूद आधार से संबंधित मामले पर शीघ्र सुनवाई की जानी चाहिए। 

 

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