अब काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का स्पर्श नहीं कर पायेंगे श्रद्धालु, केवल जलाभिषेक की अनुमति
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ वाराणसी: देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक सर्वाधिक लोकप्रिय काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का स्पर्श अब श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने विग्रह छूने पर रोक लगा दी है। श्रद्धालु अब केवल मंदिर के गर्भगृह में विग्रह का दर्शन कर सकते है और उनका जलाभिषेक कर सकते हैं।
यह सब भी एक निश्चित दूरी पर रह कर करना होगा। इस नियम से छूट केवल चार पहर की आरती, भोग और शृंगार के दौरान बाबा विश्वनाथ की सेवा में तैनात किये जाने वाले मंदिर के अर्चकों और गर्भगृह की सफाई करने वाले सेवादारों को है। मंदिर प्रबंधन समिति ने विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन, आरती की पुरानी परंपरा की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है।
…वीआइपी श्रद्धालु विग्रह को रगड़ते हैं
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन समिति की समीक्षा में पता चला कि तथाकथित वीआइपी (बाहर से आने वाले बड़े उद्योगपतियों, प्रभावशाली लोग) बाबा के षोडशोपचार पूजन के दौरान स्पर्श करने से दो कदम आगे बढ़कर विग्रह को रगड़ने तक की छूट दे दी जाती है।
इस दौरान यजमान मनचाही दक्षिणा देकर मंत्रोच्चार के साथ बाबा को दही, शहद, रोली, चंदन, घी से रगड़ते हैं। इससे ज्योतिर्लिंग पर इसका बुरा असर पड़ने की आशंका है। प्रबंधन समिति के नए विधान से इस पर रोक लगेगी।