फरीदाबाद: गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सितम्बर के महीने में हुए मासूम प्रद्युम्न के हत्याकांड ने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हत्याकांड के बाद स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर ऊँगली उठनी शुरू हो गयी थी। जब इतने बड़े स्कूल की यह हालत है तो फिर छोटे स्कूल के बारे में क्या ही कहा जाये। जानकारी मिली है कि इस हत्याकांड के आरोपी नाबालिग 11वीं के छात्र की मनोदशा की जाँच के लिए उसे PGI रोहतक ले जाया जा सकता है।
मानसिक जाँच के बाद रिपोर्ट के आधार पर ही तय किया जायेगा कि उसका केस जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में चलेगा या सेशन ट्रायल में। वृहस्पतिवार को पीजीआइ रोहतक के मनोचिकित्सक डॉ. विजय फरीदाबाद स्थित बाल सुधर गृह में आरोपी छात्र से मिले। लगभग 22 घंटे की लम्बी बातचीत के बाद भी वह किसी नतीजे पर पहुँचने में असमर्थ रहे। उन्होंने कहा कि बच्चे की मनोदशा का सही विश्लेषण पीजीआइ रोहतक में ही किया जा सकता है।
प्रद्युम्न हत्याकांड के आरोपी छात्र का केस जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में चले या सेशन कोर्ट में चले, इसके लिए जेजे बोर्ड के निर्देश पर एक प्राथमिक रिपोर्ट बनानी है। इस मामले में सीबीआई ने अपनी तरफ से सहयोगी सदस्य के रूप में पीजीआइ ने मनोचिकित्सक डॉ. विजय को शामिल किये जाने की अर्जी लगाई थी। इस अर्जी के बाद ही जेजे बोर्ड के दिशा निर्देश पर की एक टीम मंगलवार को फरीदाबाद के बाल सुधर गृह में पहुँची थी।
डॉ. विजय बाल सुधर गृह में आरोपी छात्र से लगभग दो घंटे तक लगातार बात करते रहे, लेकिन वो किसी भी नतीजे पर नहीं पहुँच पाए। बातचीत के बाद भी उन्हें बिना नतीजे के वापस लौटना पड़ा। यह सम्भावना लगाई जा रही है कि जल्दी ही जेजे बोर्ड के सदस्य की देख-रेख के बीच आरोपी छात्र को पीजीआइ रोहतक मानसिक जाँच के लिए ले जाया जायेगा। उसके बाद ही आरोपी की मनोदशा का सही-सही आंकलन किया जा सकता है।