अब ड्रोन और रडार की मदद से रोके जाएंगे नक्सली हमले
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गृहमंत्री ने इस बात का कारण भी ढूंढने को कहा है कि आखिर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ही बार-बार नक्सलियों के हमले का शिकार क्यों हो रहा है। वह भी इतनी बड़ी संख्या में। जबकि नक्सल विरोधी अभियान में बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी भी तैनात है। आठ मई को नक्सली हिंसा पर होने वाली बैठक में नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करने की दिशा में इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।
सड़क बनने के बाद बड़ी कार्रवाई
गृहमंत्रालय का मानना है कि प्रभावित इलाकों में पक्की सड़क के निर्माण के बाद ही सैन्य कार्रवाई को अंतिम रुप दिया जा सकता है। मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, जिस इलाके में ताजा हमला हुआ है वहां सामरिक लिहाज से अति महत्वपूर्ण सड़क का 70 फीसदी काम हो चुका है। यही नक्सलियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। लिहाजा सबसे पहले सड़क निर्माण को पूरा करना जरूरी है।
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आठ मई को 10 राज्यों की अहम बैठक
सूत्रों ने बताया कि 8 मई की बैठक के लिए 10 नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आने को कहा गया है। साथ ही 35 प्रभावित जिलों के जिलाधीश और अर्ध सैनिक बलों के महानिदेशक भी इसमें हिस्सा लेंगे। गृहमंत्री ने सरकार के नक्सल मामलों के सलाहकार विजय कुमार को छत्तीसगढ़ में ही कैंप करने को कहा है।