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अब ड्रोन और रडार की मदद से रोके जाएंगे नक्सली हमले

केंद्र ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में सड़क निर्माण को चुनौती के तौर पर पूरा करने का फैसला किया है। इसमें नक्सलियों के दखल को रोकने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी जल्द ही मिल जाएगी। इसके अलावा सरकार कई अत्याधुनिक हवाई निगरानी उपकरण खरीदने की तैयारी में है। इनमें घने जंगलों में होने वाली गतिविधियों का पता लगाने वाला रडार भी शामिल है। ये रडार हर गतिविधि की तस्वीर खींच सकता है। नक्सली घने जंगलों में ही छिपे होते हैं। उधर, ड्रोन से सड़क निर्माण कार्य के आसपास नक्सलियों की हरकत का पता लगाकर उसे रोकने की योजना तैयार हो रही है।

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अब ड्रोन और रडार की मदद से रोके जाएंगे नक्सली हमले

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को गृह सचिव राजीव महर्षि से ड्रोन पर आने वाले खर्च और उसके आधार पर की जाने वाली सैन्य कार्रवाई समेत सभी पहलुओं पर रिपोर्ट देने को कहा है। गौरतलब है कि सुरक्षा बलों की मदद से 44 प्रभावित जिलों के दूरदराज के इलाकों में 5412 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का काम चल रहा है।

गृहमंत्री ने इस बात का कारण भी ढूंढने को कहा है कि आखिर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ही बार-बार नक्सलियों के हमले का शिकार क्यों हो रहा है। वह भी इतनी बड़ी संख्या में। जबकि नक्सल विरोधी अभियान में बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी भी तैनात है। आठ मई को नक्सली हिंसा पर होने वाली बैठक में नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करने की दिशा में इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।

सड़क बनने के बाद बड़ी कार्रवाई
गृहमंत्रालय का मानना है कि प्रभावित इलाकों में पक्की सड़क के निर्माण के बाद ही सैन्य कार्रवाई को अंतिम रुप दिया जा सकता है। मंत्रालय के  शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, जिस इलाके में ताजा हमला हुआ है वहां सामरिक लिहाज से अति महत्वपूर्ण सड़क का 70 फीसदी काम हो चुका है। यही नक्सलियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। लिहाजा सबसे पहले सड़क निर्माण को पूरा करना जरूरी है।

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आठ मई को 10 राज्यों की अहम बैठक
सूत्रों ने बताया कि 8 मई की बैठक के लिए 10 नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आने को कहा गया है। साथ ही 35 प्रभावित जिलों के जिलाधीश और अर्ध सैनिक बलों के महानिदेशक भी इसमें हिस्सा लेंगे। गृहमंत्री ने सरकार के नक्सल मामलों के सलाहकार विजय कुमार को छत्तीसगढ़ में ही कैंप करने को कहा है। 

मजबूत बनाया जाएगा मानव इंटेलिजेंस नेटवर्क

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में नक्सल प्रभावित इलाकों में मानव इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत बनाने का फैसला लिया गया है। इसका मकसद नक्सल रोधी अभियानों में जुटे सुरक्षा बलों को होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करना है।
सुकमा हमले के दो दिन बाद हुई इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्र गृह सचिव राजीव महर्षि और अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इसमें नक्सलियों के खिलाफ रणनीति को नए सिरे से तैयार करने और अधिक प्रभावी बनाने तथा नुकसान कम से कम करने पर चर्चा हुई। 
 
 

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