दस्तक टाइम्स / एजेंसी
नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के सीमा प्रहरी आज इस बात पर सहमत हुए कि पुरानी बातों में ही उलझे रहने की बजाय कुछ नए उपाय करके संघर्षविराम उल्लंघन को समाप्त किया जाए। इन उपायों में जम्मू और कश्मीर में अन्तरराष्ट्रीय सीमा के इर्द गिर्द कुछ इलाकों में संयुक्त गश्त का उपाय शामिल है। दोनो देशों के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में दोनो के सीमा प्रहरियों के प्रमुखों ने आज यहां बातचीत की और इस बातचीत का सत्र और एक दिन बढाये जाने का फैसला किया। सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशकों के बीच बातचीत के पहले दिन दोनो पक्षों ने फैसला किया कि भविष्य के लिए सकारात्मक रवैया अपनाया जाए। हालांकि इस दौरान दोनो पक्षों ने एक दूसरे पर संघर्षविराम उल्लंघन की शुरूआत करने का दोष भी लगाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष नवाज शरीफ के बीच जुलाई में उफा में हुई सहमति के अनुरूप दोनो देशों के सीमा प्रहरियों के प्रमुखों के बीच बातचीत हो रही है। हालांकि इससे पूर्व दोनो देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच पिछले महीने होने वाली बैठक रद्द कर दी गई थी।
21 महीने के अंतराल के बाद हो रही इस मुलाकात में दोनों पक्ष इस बात पर राजी हुए कि पहले जो हुआ उसी पर बात करते रहने से कोई मकसद हल नहीं होगा। इसकी बजाय भविष्य के बारे में सोचना चाहिए और ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि सीमा पर तनाव में किसी भी तरह के इजाफे को रोका जा सके। अधिकारियों ने कहा कि बातचीत का सबसे उल्लेखनीय पहलू यह है कि दोनो पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखना सबसे जरूरी मुद्दा है और इसे अमली जामा पहनाने की जरूरत है। दिनभर की बातचीत के बाद भारतीय पक्ष का नेतृत्व करने वाले सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख डीके पाठक ने बातचीत की प्रगति पर खुशी का इजहार किया। पाठक ने बताया, मैं इससे ज्यादा और कुछ नहीं कहूंगा कि बातचीत बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और हम इसे लेकर बहुत खुश हैं। बातचीत वैमनस्य को दूर करने के लिए थी और मैं बातचीत से बहुत खुश हूं।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने सुझाव दिया कि पिछली घटनाओं पर बहस करने की बजाय दोनो पक्ष आगे की रणनीति पर काम करें ताकि सीमा को सैनिकों और नागरिकों के लिए समान रूप से शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाए जा सके। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस बात पर सहमत हुआ और कुछ और सकारात्मक बातचीत के बाद दोनो पक्षों ने फैसला किया कि बातचीत के सत्र को एक और दिन के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशक (पंजाब) उमर फारूक बुर्की ने सीमा के कुछ इलाकों में संयुक्त गश्त शुरू करने का सुक्षाव दिया, जिसपर भारत ने सहमति जताई।