अब पाकिस्तान में भी उठी नोटबंदी की मांग
खान ने यह मांग संसद के ऊपरी सदन में वित्तीय स्टैंडिंग कमेटी को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया। दरअसल, मोदी के 500-1000 के नोट बंद करने की नीति को पाकिस्तानी जनता का भी जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। बृहस्पतिवार को पाक मीडिया ने भी वहां के हुक्मरानों को मोदी से नसीहत लेने की सलाह दी थी। सोशल मीडिया पर पाक जनता सर्जिकल स्ट्राइक से पहले दिए मोदी के चेन्नै भाषण को आपस में शेयर कर रही है। इसमें मोदी ने कहा था कि यदि जंग ही लड़नी है तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ें, देखते हैं कौन जीतता है।
सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि इस जंग में मोदी जीत गए हैं। पाक संसद में भी मोदी के इस फैसले की चर्चा चलने लगी है। पाकिस्तानी सांसद उस्मान सैफुल्ला खान ने देश में का यह प्रस्ताव उस समय दाखिल किया गया है जब सरकार की खराब कर नीति के चलते पाकिस्तानी नागरिक काले धन की मात्रा बढ़ाते जा रहे हैं। संसद ने भी सरकार से मांग की थी कि वह काले धन की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए और एक हजार व पांच हजार के नोटों पर रोक लगाए, लेकिन इस काम में भारत के प्रधानमंत्री बाजी मार ले गए।
पाक संसद में कहा गया था कि 1000 व 5000 के नोट बंद करने के बाद लोग बैंकों में धन रखने की आदत डालेंगे और काले धन बाहर आ जाएगा। बृहस्पतिवार को संसद की वित्तीय मामलों की स्थायी समिति के समक्ष भी सांसद सैफुल्ला खान ने अपनी इस बात को मजबूती से रखा।