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अब बैंक से मिनटों में होगा फंड ट्रांसफर, देशभर में शुरू होने जा रही ये नई व्यवस्था

अब रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) से पैसा ट्रांसफर होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नई पेमेंट प्रणाली से आरटीजीएस फंड ट्रांसफर का राष्ट्रीय औसत समय 39 मिनट से घटकर 22 मिनट रह जाएगा। इसके लिए दून के डॉ.उचित ने ‘अर्थकल्प’ नाम से नया पेमेंट सिस्टम तैयार किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे पांच लाख रुपये में खरीद लिया है। एक जुलाई से देश के पांच बैंकों में यह पेमेंट सिस्टम शुरू हो जाएगा।

यूरोप के ब्रेटनवुड सिस्टम के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में वर्तमान में आरटीजीएस से फंड ट्रांसफर में लगने वाले समय का राष्ट्रीय औसत 39 मिनट है। कई जगहों पर आरटीजीएस से फंड ट्रांसफर में एक से डेढ़ घंटे तक का समय लग जाता है।
इसके पीछे का कारण आरबीआई का पुराना पेमेंट सिस्टम माना जाता है। इसी वजह से कई निजी कंपनियों ने पेमेंट प्रणाली शुरू की और आरटीजीएस पिछड़ता चला गया।
डॉ.उचित ने बताया कि उन्होंने आरबीआई की पेमेंट प्रणाली को अपग्रेड करने के लिए ‘अर्थकल्प’ नाम से पेमेंट सिस्टम तैयार किया है। मुंबई में आरबीआई के डीजीएम आरके मिश्रा सहित पूरी टीम को उन्होंने इसका डेमो भी दिखाया है।
आरबीआई ने कहा कि शुरुआत में वह मेट्रो सिटीज के यूनियन बैंक ऑफ  इंडिया, इंडियन बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ  कॉमर्स में इस प्रणाली लागू करेगा। उसके बाद इसे अन्य बैंकों में लागू किया जाएगा। इसके माध्यम से पेमेंट करना पहले से ज्यादा सुरक्षित भी होगा। देशभर में आरबीआई का पेमेंट सिस्टम अपग्रेड न होने की वजह से तेजी से निजी पेमेंट सिस्टम पनपे हैं।
आरटीजीएस प्रणाली भी इस वजह से धीमी होती चली गई। ग्राहकों को इस प्रणाली में इंतजार करना पड़ता है जबकि निजी पेमेंट सिस्टम से सैंकडों में भुगतान हो जाता है। आरबीआई के नए पेमेंट सिस्टम के बाद निजी पेमेंट सिस्टम में डाउनफॉल आएगा।

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