यूपी के किसानों से चुनावी वादा पूरा करने के दबाव के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लोन माफ किए जाने की बात से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लोन माफ नहीं करेगी, लेकिन राज्य सरकारें अपने संसाधनों के जरिए इस दिशा में प्रयास कर सकती हैं.
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मोदी ने यूपी में किया था चुनावी वादा
गौरतलब है कि यूपी की कई चुनावी रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में ही गरीब किसानों के लोन माफ करने का वादा किया था. अब यूपी की योगी सरकार पर किसानों का कर्ज माफ करने का दबाव है.
क्यों देना पड़ा जेटली को बयान?
जेटली ने राज्यसभा में कहा, ‘यदि किसी राज्य सरकार के पास अपने संसाधन हैं और वह किसानों के लोन माफ करना चाहती है तो वह ऐसा कर सकती है. लेकिन, ऐसी स्थिति नहीं होगी कि केंद्र सरकार किसी एक राज्य को तो मदद करें और किसी दूसरे राज्य को नहीं.’ इससे पहले ऐग्रिकल्चर मिनिस्टर राधा मोहन सिंह ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादे पर अमल करते हुए सूबे के छोटे और सीमांत किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे.
कांग्रेस-शिवसेना ने बढ़ाया दबाव
गौरतलब है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने देश भर के किसानों के कर्ज माफ किए जाने की मांग की है. कांग्रेस का कहना है कि उसके नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2006 में देश भऱ के किसानों के लोन माफ किए थे. यही नहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने यूपी के किसानों की तर्ज पर ही महाराष्ट्र में भी लोन माफ किए जाने की मांग की है.