अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकियों से जुड़ी जानकारी के दुरूपयोग की आशंका

aaवाशिगटन (एजेंसी)।  एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी विधि प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियां अमेरिकी नागरिकों से जुड़ी जानकारी व्यापक स्तर पर जुटा रही हैं जिससे इनका दुरूपयोग होने की आशंका है। न्यूयार्क विश्वविद्यालय के ब्रैनन सेंटर फॉर जस्टिस की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी नागरिकों के बारे में जानकारी जुटाने और उनका भंडारण करने का अक्सर आतंकवाद के खतरे से कोई लेना देना नहीं होता लेकिन इनसे “सरकारी डेटाबेस के दुरूपयोग के अवसर” पैदा हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआई और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की नीतियों में खामी है। इन दोनों एजेंसियों ने 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमले के बाद से आंकड़े जुटाने एवं साझा करने का काम तेज कर दिया था। रिपोर्ट तैयार करने वाली राशेल लेविनसन-वाल्डमैन ने कहा, “खुफिया एजेंसियां फूस को भी गेहूं की तरह देख रही हैं।” उन्होंने कहा, “हम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सूचना जुटाए और उसे साझा करे लेकिन हर अमेरिकी नागरिक का इलेक्टॉनिक दस्तावेज बनाना बेकार एवं अप्रभावी है। हमें आधुनिक नीतियों की जरूरत है, जो यह सीमा तय करे कि बेकसूर अमेरिकी नागरिकों के आंकड़े वैâसे एवं किसके साथ साझा किए जाएं और उनका भंडारण हो।” ब्रैनन रिपोर्ट में साथ ही कहा गया कि बड़े पैमाने पर आंकड़े जुटाने का खुलासा होने के बाद आलोचना के केंद्र में आयी एनएसए के अलावा घरेलू सुरक्षा विभाग और एफबीआई समेत दूसरी एजेंसियां भी बहुत लंबे समय तक आंकड़े अपने पास रखती हैं।

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