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चीन पहुंचे किम जोंग उन, राष्ट्रपति शी जिनपिंग से की भेंट


बीजिंग : कयासों के बाद आखिरकार इस बात की पुष्टि हो गई है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात की। चीन की स्थानीय मीडिया में एक ख़ास ट्रेन से किसी हाई प्रोफाइल व्यक्ति के चीन पहुंचने की रिपोर्ट्स के बाद किम जोंग उन के चीन आने के कयास लगाए गए थे। अब चीन और उत्तर कोरिया दोनों ने किम जोंग उन की इस यात्रा की पुष्टि कर दी है। किम जोंग उन ने साल 2011 में देश की कमान संभाली थी और तब से ये उनकी पहली विदेश यात्रा है। चीन की सरकारी समाचार सेवा शिन्हुआ ने कहा है कि किम और शी जिनपिंग के बीच बीजिंग में कामयाब बातचीत हुई। उत्तर कोरिया अमरीका के साथ प्रस्तावित वार्ता की तैयारी कर रहा है और किम की चीन यात्रा को इस दिशा में एक अहम क़दम के रूप में देखा जा रहा है। पिछले महीने ही दक्षिण कोरिया के प्रस्ताव पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप किम जोंग उन से मुलाक़ात के लिए तैयार हो गए थे। विश्लेषकों ने कहा था कि डोनल्ड ट्रंप से मुलाक़ात से पहले उत्तर कोरिया और चीन के नेताओं में वार्ता हो सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार किम अपनी पत्नी री सोल जू के साथ रविवार से बुधवार तक इस दौरे पर हैं। उत्तर और दक्षिण कोरिया की साल की शुरुआत और शीतकालीन ओलंपिक के दौरान अपने संबंधों को सुधारने की कोशिशों के बाद यह यात्रा हाल के हफ्तों में अचानक बढ़ी कूटनीतिक गतिविधियों में सबसे ताज़ा है। फ़रवरी के महीने में डोनल्ड ट्रंप ने किम जोंग से मुलाक़ात के न्योते को स्वीकार लिया था। अगर यह वार्ता होती है तो ट्रंप ऐसे पहले राष्ट्रपति होंगे जो एक उत्तर कोरियाई नेता से मुलाकात करेंगे। वहीँ चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा सहयोगी देश है। किम जोंग उन ने राष्ट्रपति जिनपिंग को भरोसा दिया है कि वो परमाणु शक्ति घटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
किम जोंग उन ने कहा, कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार मुक्त करने का मुद्दा हल हो सकता है अगर दक्षिण कोरिया और अमरीका सद्भावना के साथ हमारे प्रयासों का जवाब दें, क्रमिक और समकालीन उपायों के साथ सुलह के लिए शांति और स्थिरता का माहौल तैयार करें। अमरीका के साथ हाल के दिनों में तनाव बढ़ने का प्रमुख कारण उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम रहे हैं। उत्तर कोरिया की केसीएनए समाचार एजेंसी ने उत्तर कोरिया के ख़ास सहयोगी चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए इस यात्रा को “ऐतिहासिक” बताया। यह भी कहा गया कि इस दौरान शी जिनपिंग ने उत्तर कोरिया आने का निमंत्रण भी स्वीकार किया है।

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