नई दिल्ली। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल मामले में कांग्रेस के पक्ष में फैसला दे दिया हो और नबाम तुकी सरकार को बहाल करने के लिए कहा हो लेकिन मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। राज्य में सरकार को फिर सत्ता में आने के लिए बहुमत साबित करना पड़ सकता है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में हुए घटनाक्रम के चलते सरकार अल्पमत में है।
दरअसल कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उसके पास 42 सीटें थी लेकिन बाद में पार्टी के 20 विधायकों ने बगावत कर दी और भाजपा का दामन थाम मिलया। भाजपा के पास 11 सीटें हैं जबकि पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के पास पांच और 3 निर्दलीय विधायक सदन में हैं। बागियों के भाजपा में मिलने से उसकी ताकत बढ़कर 31 विधायकों तक पहुंच गई है।
ताजा स्थितियों में बागियों पर दारोमदार है और अगर तुकी सरकार को बहुमत साबित करना पड़ता है तो इसमें बागी बड़ी भूमिका निभाएंगे। फैसले के बाद सदन में भाजपा अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है या फिर स्पीकर खुद बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस को बुला सकते हैं।
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किसी भी स्थिति में कांग्रेस के 20 बागी ही राज्य में सरकार का भविष्य तय करेंगे। राज्य में विधानसभा चुनाव 2019 में होंगे और ऐसे में कांग्रेस को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।