नई दिल्ली: असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर खूनी झड़प होने के बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं। दोनों राज्यों के बीच सीमा पर अब भी तनाव बना हुआ है। इस बीच असम सरकार ने मिजोरम की सीमा पर 4,000 सैनिकों की तैनाती का फैसला लिया है। इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से दोनों राज्यों के बीच तनाव को खत्म करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने बुधवार को असम और मिजोरम के मुख्य सचिवों और डीजीपी की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में दोनों राज्यों के बीच शांति का फॉर्मूला निकालने पर बात होगी।
मंगलवार को संसद में दिए बयान में गृह मंत्रालय की ओर से इस विवाद को लेकर कहा गया कि राज्यों के बीच मतभेद बातचीत और आपसी सहयोग से ही सुलझ सकते हैं। केंद्र सरकार इन विवादों को हल करने के लिए मध्यस्थ के तौर पर अपनी भूमिका अदा कर सकती है। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि वह इनर लाइन फॉरेस्ट रिजर्व में अतिक्रमण का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इसके अलावा मिजोरम सीमा पर 4,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी। यही नहीं बेहद सख्त लहजा अपनाते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि वह असम की एक इंच जमीन भी पड़ोसी राज्यों की ओर से अतिक्रमण नहीं होने देंगे।
असम के सीएम ने कहा, ‘सैटलाइट इमेजों से पता चलता है कि झूम खेती के लिए सड़कों का निर्माण किया जा रहा है और जंगल साफ कर दिया गया है। सीमा के आसपास यह काम किया जा रहा है, जिसकी परमिशन नहीं दी जा सकती। हम सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे ताकि जंगलों की सुरक्षा की जा सके। इसके अलावा हम 4,000 कमांडोज की भी तैनाती करेंगे।’ वहीं सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि फोर्स की ओर से हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंगलवार को सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने सीनियर अफसरों की एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें हिंसा वाले इलाकों में शांति स्थापित करने को लेकर बात की गई।