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असम में बाढ़ की स्थिति बिगड़ी, 5 की मौत, त्रिपुरा में 4500 परिवार हुए बेघर

नई दिल्ली : असम में आज बाढ़ की स्थिति और भी खराब हो गई और वहां पांच लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि त्रिपुरा के तीन जिलों में अचानक बाढ़ आने से कम से कम 4,500 परिवार बेघर हो गए हैं। मौसम विभाग के अधिकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुख्य तौर पर आसमान साफ रहा और यहां का अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि यहां का न्यूनतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वातावरण में आर्द्रता का स्तर 78 से 58 फीसदी के बीच रहा। असम राज्य आपदा मोचन बल के अनुसार धेमाजी में दो लोगों की मौत हो गई जबकि लखीमपुर, कोकराझार और मोरिगांव में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। इन मौतों के बाद राज्य में इस साल बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या 89 तक पहुंच गई है। एएसडीएमए ने बताया कि असम के विभिन्न जिलों में बाढ़ से 11 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक धुबरी में बाढ़ का सर्वाधिक असर हुआ है जहां 1.92 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके बाद धेमाजी में 1.51 लाख लोग इस आपदा से प्रभावित हैं। एएसडीएमए ने बताया कि मौजूदा समय में 1,752 गांव जलमग्न हैं और एक लाख से हेक्टेयर से अधिक की फसल भूमि प्रभावित हो चुकी है।

त्रिपुरा के तीन जिलों में लगातार हुई बारिश के बाद अचानक बाढ़ आ गई जिससे यहां के 4,500 परिवार बेघर हो गए हैं। राज्य के राजस्व मंत्री बादल चौधरी ने बताया कि दो हजार से ज्यादा परिवारों को विभिन्न सरकारी इमारतों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि राज्य की राजधानी का बड़ा हिस्सा और इसके निचले बाहरी इलाके जलमग्न हैं। चौधरी ने कहा कि हावड़ा नदी में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। सिपाहीजाला के जिला मजिस्ट्रेट प्रदीप चक्रवर्ती ने कहा कि जिले में बाढ़ की वजह से कम से कम 2500 परिवार प्रभावित हुए हैं और उन्होंने सरकारी इमारतों में बनाए गए 60 राहत शिविरों में शरण ली है।

मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिम बंगाल के उपहिमालयी जिलों में भारी बारिश जारी है जिससे कुछ जगहों में जलमग्न वाली स्थिति पैदा हो गई है। विभाग ने बताया कि राज्य में सबसे ज्यादा बारिश अलीपुरदुआर जिले के हासिमारा (480 मिमी) में दर्ज की गई। पश्चिम बंगाल सरकार ने आज कहा कि वह राज्य के उत्तरी क्षेत्र में आई बाढ़ से युद्ध स्तर पर निपट रही है जहां पांच जिले प्रभावित हुए हैं और तकरीबन 100 चाय बागान जलमग्न हो गए हैं। राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने कहा-हमने पहले ही नियंत्रण कक्ष खोल दिए हैं और मैं निजी तौर पर निगरानी और प्रबंधन में शामिल हूं।

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