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भाई पर कार्रवाई के बाद भड़कीं मायावती, कहा—भाजपा कार्यालय के लिए कहां से आये अरबों रुपये

आनंद पर फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए कर्ज लेने का आरोप भी लगा था। 2007 में मायावती की सरकार आने के बाद आनंद ने एक के बाद एक 49 कंपनियां खोली थीं।

लखनऊ : पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार की बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। आयकर विभाग ने गुरुवार को नोएडा में आनंद का 400 करोड़ रुपए कीमत का प्लॉट जब्त किया था। शुक्रवार को मायावती ने कहा कि अगर भाजपा नेता खुद को हरीशचंद्र मानते हैं तो अपनी भी जांच करवाएं। इससे पता चल जाएगा कि राजनीति में आने के बाद उनकी संपत्ति कितनी बढ़ी। मायावती ने कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी से मेरा सवाल कि दफ्तर बनाने के लिए अरबों रुपए कहां से आए, क्या ये बेनामी नहीं? चुनाव के दौरान दो हजार करोड़ से ज्यादा भाजपा के खाते में आए, लेकिन अब तक इसका खुलासा नहीं हुआ। इसकी भी जांच होनी चाहिए। यदि वे (भाजपा) ऐसा सोचते हैं कि वो बहुत ईमानदार हैं तो उन्हें इस बात की जांच करानी चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग जातिवाद से ग्रसित हैं। शिक्षा और व्यापार में वे दलितों और अन्य पिछड़ी जातियों का विकास नहीं देखना चाहते। समस्याएं खड़ी करने के लिए वो कई तरह के रास्तों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन पार्टी दलित और पिछड़े लोगों के विकास का काम करती रहेगी। इससे पहले गुरुवार रात मायावती ने ट्वीट किया- भाजपा केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग कर अपने विपक्षियों को साजिश के तहत फर्जी मामलों में फंसाकर प्रताड़ित कर रही है। अब मेरे भाई-बहनों को भी परेशान किया जा रहा है। ऐसी ही घिनौनी हरकत भाजपा सरकार ने 2003 में भी आयकर और सीबीआई के जरिए हमारे खिलाफ की थी। हमें संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला।

गुरुवार को आयकर विभाग ने नोएडा में 400 करोड़ रुपए की कीमत का 7 एकड़ का एक प्लॉट जब्त किया था। प्लॉट का मालिकाना हक बसपा प्रमुख मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्रलता के पास है। मायावती ने पिछले दिनों आनंद को बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। अधिकारियों के बताया कि 16 जुलाई को दिल्ली की बेनामी निषेध इकाई ने इस प्लॉट को जब्त करने का आदेश दिया था। आनंद कुमार ने यह संपत्ति अवैध तरीके से किसी करीबी के नाम पर खरीदी थी। दो साल की जांच के बाद इस बात के पुख्ता सबूत आयकर अधिकारियों को मिल चुके हैं। इससे पहले भी आनंद को बेनामी संपत्ति के मामले में नोटिस भेजे जा चुके हैं। आनंद कुमार कभी नोएडा प्राधिकरण में क्लर्क हुआ करते थे। मायावती के यूपी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ी।

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