अस्पताल में भर्ती हुए डीके शिवकुमार, सीने में थी दर्द की शिकायत…
सीने में दर्द की शिकायत के बाद कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को सोमवार रात बेंगलुरू के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इससे पहले डीके शिवकुमार को 1 नवंबर को हाई ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल बढ़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मंत्री शिवकुमार को 23 अक्टूबर को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दी थी. कोर्ट ने उन्हें 25 लाख रुपये का निजी मुचलका भरने का निर्देश भी दिया. साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें बिना अनुमति विदेश न जाने का भी निर्देश दिया.
3 सितंबर को हुए थे गिरफ्तार
शिवकुमार को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था. धन शोधन के आरोपी डीके शिवकुमार को पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दी थी. उनकी जमानत का प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विरोध करते हुए जमानत रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की.
शिवकुमार को 50 दिन की हिरासत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दी गई सशर्त जमानत पर 24 अक्टूबर को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया.
वह धनशोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत एक मामले में हिरासत में थे. यह मामला आयकर विभाग ने दायर किया था, जिसने अगस्त 2017 में उनके नई दिल्ली स्थित फ्लैट से 8.6 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे.
ईडी शिवकुमार के मामले की जांच कर रहा है. शिवकुमार कर्नाटक के बड़े राजनेताओं में शुमार किए जाते हैं. पिछले साल शिवकुमार ने ही जनता दल (सेकुलर) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनवाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी.
जमानत मिलने बाद डीके शिवकुमार ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दिनेश दिनेश गुंडू राव के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. राव ने कहा था कि बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा है. गठबंधन सरकार गिराने के लिए वह सब जो कुछ कर सकते थे उन्होंने किया.
मुझे क्यों दंडित किया गयाः शिवकुमार
दिनेश गुंडूराव ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे वरिष्ठ नेता शिवकुमार को प्रताड़ित करने के लिए ईडी, आईटी विभाग और सीबीआई जैसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों का दुरुपयोग किया.
डीके शिवकुमार ने कहा, ‘मैं यह जानने की कोशिश कर रहा हूं कि मुझे क्यों दंडित किया गया. मुझे गिरफ्तारी की चेतावनी दी गई. मुझे बताया गया था कि वे (ईडी) तह तक इस मामले में जाना चाहती है, जब मैं मंत्री था. अगर मैंने कुछ गलत किया है तो उसे स्वीकारने के लिए मैं तैयार हूं.’
शिवकुमार ने कहा, ‘उन्होंने सीबीआई को मामला दिया, मैं उनके साथ भी सहयोग के लिए तैयार हूं. उन्होंने मुझे मजबूत बना दिया. मेरी दिल्ली और बेंगलुरु की टीम ने मेरे लिए अपना बेस्ट दिया.’
दूसरी ओर, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी डीके शिवकुमार को पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दी थी. हालांकि डीके शिवकुमार की जमानत का प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विरोध करते हुए जमानत रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की.