आईएएस मेन्स में ऐसे करें इंडियन इकोनॉमी की तैयारी
आईएएस की मेन्स परीक्षा में इकोनॉमी विषय की पढ़ाई काफी जटिल होती है, खास तौर पर उनके लिए जिनकी पृष्ठभूमि इकोनॉमिक्स की नहीं है। ऐसे में उन्हें बेहद योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करनी चाहिए।
यूपीएससी की आईएएस परीक्षा के सिलेबस में अन्य प्रमुख विषयों की तुलना में इंडियन इकोनॉमी काफी कठिन विषय है। खास तौर पर जीएस इकोनॉमी बहुत टेक्निकल है और उम्मीदवारों को इसे कतई छोड़ना नहीं चाहिए। कारण यह कि जब आप आईएएस मेन्स में अन्य जीएस विषयों के उत्तर दे रहे हों, तब भी आपको पूछे गए प्रश्न के आर्थिक आयामों का उल्लेख करना पड़ सकता है। वैसे भी आपको हर विषय में अच्छा स्कोर करने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए, फिर चाहे वह इकोनॉमी हो, पॉलिटी हो या फिर ज्योग्राफी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी अथवा इकोलॉजी।
इंडियन इकोनॉमी के तहत आने वाले टॉपिक्स इस प्रकार हैं:
भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों की व्यवस्था, विकास व रोजगार : जाहिर है कि जिन उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि इकोनॉमिक्स की नहीं है, उन्हें जीएस इकोनॉमी की शब्दावली समझने में कठिनाई होगी मगर उन्हें हताश होने की जरूरत नहीं है। उन्हें पहले बेसिक स्टडी मटेरियल पढ़ लेना चाहिए। इनमें शामिल
है: अंडरस्टैंडिंग इकोनॉमिक डेवलपमेंट (एनसीईआरटी क्लास 10), इंडियन इकोनॉमिक डेवलपमेंट (एनसीईआरटी क्लास 11), मैक्रोइकोनॉमिक्स (क्लास 12)। साथ ही कोई एक अच्छा दैनिक अखबार रोज पढ़ें। उपरोक्त पुस्तकों को दो-तीन बार रिवाइज करने से आपके बेसिक कॉन्सेप्ट मजबूत हो जाएंगे। इसके बाद उम्मीदवारों को रमेश सिंह की पुस्तक ‘इंडियन इकोनॉमी फॉर सिविल सर्विस एग्जामनेशंस” पढ़नी चाहिए।
समावेशी विकास व उससे जुड़े मुद्दे:
इस विषय के तहत आपको भारत में समावेशी विकास की अवध्ाारणा के उदय, उद्देश्य, लक्ष्य तथा उपलब्धि को समझना होगा। इसे सफल बनाने के लिए सरकार की क्या रणनीति थी और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक समावेशी बनाने में कितनी मदद मिली? इससे जुड़े तथ्य आपको इंटरनेट पर संबंधित सरकारी
विभागों व मंत्रालयों की वेबसाइट पर मिल जाएंगे। पंच वर्षीय योजनाओं से जुड़ी प्रमुख जानकारी आपको रमेश सिंह की पुस्तक ‘इंडियन इकोनॉमी…” से भी मिल सकती है।
सरकारी बजटिंग: इसके लिए केंद्र सरकार के बजट का अध्ययन करें। आप खास तौर पर यह देखें कि विभिन्ना क्षेत्रों में व्यय तथा राजस्व का आवंटन किस प्रकार किया गया है। केवल बजट के आंकड़े रट लेने से काम नहीं चलेगा। आपको पिछले वित्तीय वर्ष के बजट की बनिस्बत इस वर्ष के व्यय व राजस्व आवंटन का विश्लेषण भी करना होगा।
देश के विभिन्न भागों में फसल पद्धति, विभिन्ना प्रकार की सिंचाई, उत्पाद का भंडारण, परिवहन व मार्केटिंग:
फसल पद्धति, सिंचाई के प्रकार, भंडारण, परिवहन व मार्केटिंग जीएस ज्योग्राफी का भी हिस्सा है और इसे जीएस इकोनॉमी के तहत भी पढ़ा जा सकता है। इसके लिए आप इकोनॉमिक सर्वे भी पढ़ें। पूरा इकोनॉमिक सर्वे बहुत वृहद होता है, इसलिए बाजार से इससे संबंधित नोट्स प्राप्त कर पढ़ें।
कृषि सबसिडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े मसले, टेक्नोलॉजी मिशन, पशु-पालन का अर्थशास्त्र: इस विषय के लिए कोई किताब आपकी मदद नहीं करेगी। इसकी जानकारी आपको समय-समय पर अपडेट करनी होगी क्योंकि इन मुद्दों से जुड़ी सरकारी नीतियां समय-समय पर बदलती रहती हैं। हां, इनसे जुड़े स्थायी विषय जैसे लक्ष्य, कार्यप्रणाली, सीमा आदि का अध्ययन आप इग्नू तथा एनसीईआरटी के संसाधनों से कर सकते हैं। बाकी जानकारी सरकारी विभागों व मंत्रालयों की वेबसाइटों पर देखें।
खाद्य प्रसंस्करण व संबद्ध उद्योग, उनकी जरूरतें, सप्लाई चेन मैनेजमेंट:
इसके लिए भी आपको अखबारों व पत्रिकाओं के लेखों की सहायता लेनी होगी। सरकार द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी आप पीआरएस तथा पीआईबी से भी प्राप्त कर सकते हैं।
भारत में भूमि सुधार: इस विषय में तो आपको काफी अध्ययन सामग्री मिल जाएगी। यह विषय आईएएस मेन्स के जीएस-2 पेपर में भी शामिल है। इस बारे में इग्नू की सामग्री भी पढ़ें।
अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में बदलाव और औद्योगिक विकास पर उसका प्रभाव: इस विषय को रमेश सिंह की पुस्तक ‘इंडियन इकोनॉमी फॉर सिविल सिर्विसेज एग्जामिनेशंस” में अच्छी तरह समझाया गया है।
आधारभूत संरचना (ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानतल, रेलवे आदि): इन विषयों का अध्ययन इंडिया ईयर बुक के ताजा संस्करण तथा इकोनॉमिक सर्वे से किया जा सकता है।