राज्यराष्ट्रीय

आखिरकार छत्तीसगढ़ सरकार ने बालदास के खिलाफ मुकदमा वापस लिया

आखिरकार छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य की बीजेपी सरकार ने अनुसूचित जाति के लोगों को खुश करने के लिए बड़ा फैसला ले ही लिया. इस फैसले पर अदालत ने भी अपनी मुहर लगा दी है. राज्य में अगले साल चुनाव होने है. इसके मद्देनजर रमन सिंह सरकार ने बिलासपुर जिला अदालत में धर्मगुरु बालदास के खिलाफ आपराधिक प्रकरण वापस लेने के लिए अर्जी लगाई थी. जिला अदालत ने प्रस्तुत आवेदन को मंजूर करते हुए बालदास समेत सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है.

ये भी पढ़ें: पूरी रात दसवीं की छात्रा का होता रहा रेप, सहेली ने किया था दोस्त के हवाले

क्या था मामला?

धर्मगुरु बालदास समेत सतनामी समुदाय के लोगों ने वर्ष 2003 और वर्ष 2008 में बिलासपुर के बोड़सरा इलाके में रहने वाले निरुपमा बाजपेयी और उनके परिवार की पैतृक जमीन पर कब्ज़ा करने का असफल प्रयास किया था. इसी मामले में बालदास समेत लगभग 75 लोगो के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया. फिलहाल राज्य सरकार की ओर से दाखिल अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई होने के आसार है. दूसरी ओर पीड़ित परिवार और कई सामाजिक संगठनों ने इस अर्जी को ख़ारिज करने के लिए जिला अदालत में गुहार लगाने की तैयारी कर रखी है. यह अदालत के रुख पर ही निर्भर करेगा कि वो सरकार की मंशा पर अपनी मुहर लगाए या नहीं? सरकार की मंशा को जाहिर करते हुए लोक अभियोजक ने CRPC की धारा 321 की तहत आवेदन प्रस्तुत किया है.

ये भी पढ़ें: सनी लियोन ने अपनी ये इच्छा भी पति संग की पूरी

गंभीर मामलों के आरोपी है बालदास

 धर्मगुरु बालदास के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले बिलासपुर थाने में दर्ज हैं. उनके खिलाफ धारा-307 और 25 आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या की कोशिश ,सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, अवैध रूप से हथियार रखने और निजी संपत्ति पर कब्ज़ा करने का प्रयास जैसे अपराध शामिल है. बालदास के खिलाफ मुकदमा वापस लेने का कांग्रेस ने कोई विरोध नहीं किया है. उसे भी अपने वोट बैंक की चिंता है. दरअसल, बालदास जिस सतनामी समाज का प्रतिनिधित्व करते है, वो कांग्रेस का वोट बैंक है. उनके खिलाफ दर्ज मामला वापस लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के वोट बैंक पर सेंधमारी का प्रयास किया है.

Related Articles

Back to top button