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वायुसेनाध्यक्ष एयरचीफ मार्शल बीएस धनोवा के पत्र ने भारतीय मीडिया में धमाल मचा रखा है, जबकि रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार इस खत में ऐसा कुछ नहीं है जिस पर आश्चर्य हो। दरअसल, वायुसेना के दो लड़ाकू विमान प्रत्येक वायुसैनिक हवाई अड्डे पर स्टैंड बाई स्थिति में होते हैं। दिल्ली की सुरक्षा को केन्द्र में रखकर हिंडन समेत आस-पास के वायुसैनिक अड्डों पर लगातार 24 घंटे यह तैयारी रहती है। ये विमान किसी खतरे की आहट पर संकेत मिलते ही तत्काल (दो मिनट के भीतर) मिशन पर निकल पड़ते हैं। वायुसेना सूत्रों का कहना है कि वायुसेनाध्यक्ष एयरचीफ मार्शल धनोवा का पत्र इसी तरह की तैयारियों का हिस्सा है।
वायुसेनाध्यक्ष का यह पत्र 30 मार्च का है। यहां तक कि कमांडर कांफ्रेंस में भी एयरचीफ मार्शल ने वायुसैनिक अधिकारियों को शार्ट नोटिस पर हर चुनौती के लिए तैयार रहने का आह्वान किया था। वायुसेना प्रमुख ने अपने पत्र में अधिकारियों को पक्षपात और यौन शोषण के आरोप के प्रति आगाह किया है। इसके अलावा उन्होंने भारत के आस पास बढ़ रहे खतरे का जिक्र किया है। ऐसा माना जा रहा है कि एयरचीफ मार्शल धनोवा ने कश्मीर के हालात, सीमापार से आतंकियों की घुसपैठ, सेना के कैम्प पर हमला, तनाव की स्थिति आदि की तरफ संकेत किया है। इसका आशय पड़ोसी देश के लिए संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
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एक पूर्व वायुसेनाध्यक्ष ने नाम न छापने की शर्त पर अमर उजाला से कहा कि जितना उन्होंने मीडिया में पढ़ा है, पत्र में कुछ नया या फिर चौकाने वाला नहीं है। सूत्र का कहना है कि वायुसेना हमेशा, हर खतरे से निबटने के लिए तैयार रहती है। हमारे रक्षा पंक्ति के विमान और लड़ाकू विमान तथा उसके पायलट बेहद कम समय में शार्ट नोटिस पर किसी भी आपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। पूर्व एयरचीफ मार्शल का कहना है कि वायुसेना का अभ्यास, रूटीन की पायलटों की उड़ान आदि इसी हिसाब से तैयार की गई है। इसलिए इस पत्र को बहुत तूल नहीं दिया जाना चाहिए।