आखिर क्यों तुलसी ने दिया था भगवान गणेश को श्राप…
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किसी भी शुभकार्य से पहले या पूजन में सबसे पहले भगवान गणेश को ही पूजा जाता है। दरअसल गणेश आदिदेव हैं और गणेश एकमात्र ऐसे देवता हैं, जिनके चित्र सबसे अधिक अलग-अलग आकृतियों में आपको देखने को मिल जाएंगे। क्या आप मानेंगे कि आदिदेव गणेश को भी कोई श्राप दे सकता है। दरअसल इस संबंध में एक रोचक कथा है, जिसके अनुसार गणेश विवाह नहीं करना चाहते थे, इसके बाद भी उन्होंने दो विवाह किए। पौराणिक कथा अनुसार एक दफा गणेशजी गंगा के तट पर तप कर रहे थे।
तभी वहां से तुलसीदेवी का गुजरना हुआ। गणेश को ध्यानमग्न देखकर तुलसी उन पर आकर्षित हो गईं और उन्होंने उनसे विवाह करने की इच्छा जताई। गणेश ने उनके आमंत्रण को अश्वीकार कर दिया। इस प्रकार अपने प्रस्ताव को ठुकराए जाने से तुलसी गुस्से में आ गईं और उन्होंने गणेश को दो विवाह करने का श्राप दे दिया। यह श्राप का ही परिणाम था कि विवाह नहीं करने की ठान लेने के बाद भी गणेश को दो विवाह करने पड़े।