अद्धयात्म

शनि की पीड़ा से मुक्ति चाहिए तो इस हनुमान जयंती पर करें ये उपाय

हर वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है, इस वर्ष हनुमान जयंती 31 मार्च 2018 को शनिवार के दिन मनाई जायेगी. हनुमान जयंती राम भक्त हनुमान जी की भक्ति का विशेष दिन माना जाता है. इस वर्ष आने वाली हनुमान जयंती बहुत विशेष है. क्योंकि इस वर्ष ये शनिवार के दिन आ रही है. ऐसे में हनुमान जी के अलावा शनिदेव की कृपा भी प्राप्त की जा सकती है.हर वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है, इस वर्ष हनुमान जयंती 31 मार्च 2018 को शनिवार के दिन मनाई जायेगी. हनुमान जयंती राम भक्त हनुमान जी की भक्ति का विशेष दिन माना जाता है. इस वर्ष आने वाली हनुमान जयंती बहुत विशेष है. क्योंकि इस वर्ष ये शनिवार के दिन आ रही है. ऐसे में हनुमान जी के अलावा शनिदेव की कृपा भी प्राप्त की जा सकती है.  हमारे शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है, की जो व्यक्ति हनुमान जी की सच्चे मन से भक्ति करता है, उस पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है व शनि पीड़ा उसे कभी परेशान नहीं करती. इस विषय पर एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार शनिदेव का अहंकार अधिक बढ़ जाने पर हनुमान जी ने उनके अहंकार का खंडन किया था. तब शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था, की जो भी भक्त हनुमान जी की सच्चे मन से अराधना करेगा उसे कभी भी शनि पीड़ा का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस हनुमान जयंती पर यदि आप कुछ आसान से उपायों को अपनाते है, तो शनिदेव की कृपा के साथ ही आप भगवान राम व हनुमान जी की कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं, तो आइये जानते हैं वह उपाय कौन से हैं?  हनुमान जयंती के शुभ अवसर अपर हनुमाज जी के मंदिर जाकर उन्हें केसरी रंग का चोला चढ़ा कर बूंदी के लड्डुओं का भोग लगाएं इसके पश्चात उनके समक्ष बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें.  यदि आप शनि पीड़ा से परेशान हैं, तो हनुमान जी के मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं तथा शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है.  हनुमान जयंती पर हनुमान जी को लौंग वाले मीठे पान का भोग लगाएं व सरसों के तेल से बने व्यंजनों का भोग शनिदेव को लगाकर, बचा हुआ प्रसाद गरीबों में बाँट दें.

हमारे शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है, की जो व्यक्ति हनुमान जी की सच्चे मन से भक्ति करता है, उस पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है व शनि पीड़ा उसे कभी परेशान नहीं करती. इस विषय पर एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार शनिदेव का अहंकार अधिक बढ़ जाने पर हनुमान जी ने उनके अहंकार का खंडन किया था. तब शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था, की जो भी भक्त हनुमान जी की सच्चे मन से अराधना करेगा उसे कभी भी शनि पीड़ा का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस हनुमान जयंती पर यदि आप कुछ आसान से उपायों को अपनाते है, तो शनिदेव की कृपा के साथ ही आप भगवान राम व हनुमान जी की कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं, तो आइये जानते हैं वह उपाय कौन से हैं?

हनुमान जयंती के शुभ अवसर अपर हनुमाज जी के मंदिर जाकर उन्हें केसरी रंग का चोला चढ़ा कर बूंदी के लड्डुओं का भोग लगाएं इसके पश्चात उनके समक्ष बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें.

यदि आप शनि पीड़ा से परेशान हैं, तो हनुमान जी के मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं तथा शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है.

हनुमान जयंती पर हनुमान जी को लौंग वाले मीठे पान का भोग लगाएं व सरसों के तेल से बने व्यंजनों का भोग शनिदेव को लगाकर, बचा हुआ प्रसाद गरीबों में बाँट दें.

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