आजादी और हक के लिए कु्र्बानी दे रहे हैं आतंकी: फारूक अब्दुल्ला
कश्मीर में आतंकी बन रहे युवक विधायक या सांसद बनने के लिए नहीं बल्कि इस कौम और वतन की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं।
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को एक बड़ा सियासी बम फोड़ते हुए कहा कि कश्मीर में आतंकी बन रहे युवक विधायक या सांसद बनने के लिए नहीं बल्कि इस कौम और वतन की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं। वे आजादी और अपने हक के लिए लड़ रहे हैं।
अलबत्ता, बाद में फारूक ने अपने बयान से मुकरते हुए कहा कि हम हिंसा और आतंकवाद का समर्थन नहीं करते। हम चाहते हैं कि नई दिल्ली यहां रियासत के युवाओं के साथ संवाद बहाल करे। उनमें बहुत गुस्सा है। हम चाहते हैं कि हाईकोर्ट के किसी जज के नेतृत्व में एक आयोग बने जो युवाओं के बंदूक उठाने के कारणों की जांच करे।
नवाए सुब परिसर में स्थित नेशनल कांफ्रेंस के कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. फारूक ने एक तरह से कश्मीर में आतंकवाद को सही ठहराने का प्रयास किया। उन्होंने कश्मीरी भाषा में कार्यकर्ताओं से कहा कि वे कश्मीर की आजादी के लिए अपनी जान दे रहे लड़कों की कुर्बानियों को हमेशा याद रखें। डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि सब जानते हैं कि ये लड़के बंदूक क्यों उठा रहे हैं। यह हमारी जमीन है और हम ही इसके असली वारिस हैं। यह लड़ाई 1931 से ही जारी है।
डॉ. अब्दुल्ला ने भारत-पाक को भी लताड़ा और कहा कि दोनों मुल्कों ने कश्मीरियों से न्याय नहीं किया है। हम किसी के दुश्मन नहीं है। हम दोनों मुल्कों से अपने लिए इंसाफ मांगते हैं। दोनों 1948 में किए गए वादों को भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली अपनी दमनकारी नीतियों से कश्मीरियों की सियासी उमंगों को नहीं दबा सकती। नई दिल्ली ने हमारी पीढ़ी को धोखा दिया है, लेकिन युवा वर्ग उसके झांसे में नहीं आने वाला।
गोली की नीति से अमन नहीं होगा
कश्मीर समस्या पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि गोली के बदले गोली की नीति से अमन नहीं होगा, सिर्फ रियासत के हालात और ज्यादा बिगड़ेंगे। गोली के बजाय बोली की जरूरत है। सेना अध्यक्ष बिपिन रावत के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आपको कश्मीर में अमन लाना है तो बातचीत करनी होगी। पहले तो कश्मीरियों के जज्बात और उनके गुस्से के कारणों को समझा जाए। कश्मीर में अमन के लिए भारत व पाकिस्तान को आपस में बातचीत करनी होगी।
मोदी को लोगों बांटने के बजाय जोड़ना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश में कब्रिस्तान-श्मशानघाट व ईद और दिवाली पर दिए बयान को आपत्तिजनक बताते हुए डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि यह शर्मनाक है। प्रधानमंत्री को लोगों को जोड़ने वाली बात करनी चाहिए न कि लोगों को मजहब के आधार पर बांटने वाली।
फारूक के बयान पर सियासी उबाल
फारूक अब्दुल्ला राजनीतिक फायदे के लिए लोगों की जिंदगी दांव पर लगाने की सियासत कर रहे हैं। उनका बयान सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश है।
-सुनील सेठी, मुख्य प्रवक्ता, प्रदेश भाजपा
इस तरह के बयान देशद्रोह की तरह ही हैं। केंद्र व राज्य सरकार की ढुलमुल नीतियों के कारण फारूक विवादास्पद बयान दे रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
-हर्षदेव सिंह, अध्यक्ष, नेशनल पैथर्स पार्टी
फारूक अब्दुल्ला को बयान सोच समझ कर देने चाहिए। यह वही फारूक अब्दुल्ला हैं जिन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादियों के कैंपों को तबाह करने की बातें कही हैं।
-रविंद्र शर्मा, मुख्य वक्ता, प्रदेश कांग्रेस कमेटी