नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता(senior congress leader) और पार्टी महासिचव जयराम रमेश(General Secretary Jairam Ramesh) ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने मार्च में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ संसद प्रश्नोत्तर के सौजन्य से एक नया इलेक्ट्रिक वाहन(electric vehicle) प्राप्त किया है. कांग्रेस नेता ने शनिवार को ट्वीट किया, ’22 मार्च को नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के साथ सवाल-जवाब के बाद, मैंने खुद के इस्तेमाल के लिए टाटा नेक्सॉन ईवी लिया. मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत (India) को कम-से-कम 2035 तक सभी प्रकार के पेट्रोल और डीजल (petrol and diesel) वाहनों के निर्माण को समाप्त कर देना चाहिए, और बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी लानी चाहिए.’
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सदन में सवाल-जवाब के दौरान राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) को बताया कि वर्ष 2021 में, देश के सभी पंजीकृत वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा 1.4% था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई देशों ने 2035 या 2045 तक पेट्रोल और डीजल वाहनों (petrol and diesel vehicles) को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की योजना की घोषणा की है.
इसके बाद कांग्रेस सांसद (Congress MP) ने पूछा कि क्या सरकार के पास पेट्रोल और डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का कोई रोडमैप या योजना है. उन्होंने आगे कहा कि जब तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कोई ‘विशेष रोडमैप’ नहीं होगा, तब तक वाहन निर्माताओं को पेट्रोल और डीजल वाहनों से बाहर निकलने के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस सांसद के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘पेट्रोल और डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिए 2035 या 2040 की समय सीमा के साथ किसी निश्चित कार्यक्रम की मांग न करें.’
नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान में यदि एक कार की कीमत लगभग 15 लाख रुपये है, तो पेट्रोल पर खर्च लगभग 15,000 रुपये होगा, जबकि ईवी में यह लगभग 2,000 रुपये होगा, जिसमें ना तो प्रदूषण होगा और ना कोई आवाज होगी, इसलिए बाजार की कोई जरूरत नहीं है. चूंकि उपभोक्ता एक आरामदायक और आर्थिक रूप से व्यवहारिक विकल्प के लिए जाना चाहता है और यही सुविधा इलेक्ट्रिक वाहन उसे प्रदान करती है.