नई दिल्ली। देश में एक बार फिर बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। दरअसल एक बार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने की आशंका जताई गई है। सूत्रों के मुताबिक आज ही इस बात की पुष्टि भी की जा सकती है।
रुपए की कीमत घटी
भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 14 दिसम्बर, 2016 को घटकर 3588.29 रुपए प्रति बैरल हो गई। इसकी बड़ी वजह थी, रुपए का 14 दिसंबर, 2016 को कमजोर होकर 67.56 रुपया प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। जबकि 13 दिसंबर, 2016 को यह 67.49 रुपए प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर था। गुरुवार को रुपया गिरकर 67.83 के स्तर पर पहुंच गया।
दाम बढ़ने की वजह
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ के आंकड़ों में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य 14 दिसंबर को 53.11 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है। पेट्रोल और डीजल महंगा होने की अहम वजह सामने आ गई है। क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय स्तर 53.11 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई है।
महंगा होगा पेट्रोल और डीजल
भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 14 नवंबर, 2016 को 42.12 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी। इससे पहले तेल कंपनियों ने 5 नवंबर को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया था। तेल कंपनियों ने तब पेट्रोल में 89 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 86 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। वहीं 15 अक्टूबर को तेल कंपनियों ने कीमतें बढ़ाई थीं। तब पेट्रोल की कीमतों में 1.34 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी जबकि डीजल में 2.37 रुपए प्रति लीटर का इजाफा किया गया था।
जिसकी वजह से 30 नवंबर को पेट्रोल 13 पैसे महंगा और डीजल 12 पैसे सस्ता हुआ था। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन आने वाले पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमत 29 नवम्बर, 2016 को 45.23 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई थी।