आतंकी वामपंथी छात्रों ने किया जेएनयू पर हमला : राम माधव
गांधीनगर : गुजरात में भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा के पीछे कुछ आतंकी वामपंथी छात्रों का हाथ है, जो दशकों से वहां हजारों छात्रों की पढ़ाई और शोध बाधित कर रहे हैं। उन्होंने पांच जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा को वामपंथियों और उनके समर्थकों की साजिश करार दिया। राम माधव ने कहा कि दशकों से हजारों छात्रों को वामपंथी छात्रों के आतंक की वजह से जेएनयू में प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। जो हिंसा अभी दिखी है, वह इसी का नतीजा है। कुछ गिने-चुने आतंकवादी वामपंथी छात्र हमेशा उन हजारों छात्रों के अधिकारों को बाधित करते हैं, जो जेएनयू में पढ़ते हैं और शोध करते हैं। गौरतलब है कि रॉड और डंडों से लैस नकाबपोश लोगों ने पांच जनवरी की रात को छात्रों और अध्यापकों पर हमला किया और सार्वजनिक संपत्ति की तोड़फोड़ की। इस घटना में कई लोग घायल हो गए। वामपंथी छात्र संगठन और आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राम माधव ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति सामान्य हो रही है। काफी हद तक इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है और हिरासत में लिए गए स्थानीय नेताओं को रिहा किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि अब केवल 20 से 25 नेता ही हिरासत में हैं और उन्हें चरणबद्ध तरीके से रिहा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं। इसको लेकर विशेष चर्चा करने की जरूरत नहीं है। जैसा कि पहले वह देश के अन्य राज्यों की तरह नहीं था। भाजपा नेता ने कहा कि विदेशी प्रतिनिधियों को अशांत क्षेत्र में जाने की इजाजत देना दुनिया में जम्मू-कश्मीर के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के प्रयासों का हिस्सा है। स्थिति के अनुसार सभी को वहां जाने की इजाजत दी जाएगी।
उन्होंने यह बात विपक्षी नेताओं को जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने के सवाल पर कही। मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए राम माधव ने दावा किया कि 90 फीसद लोग जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने, राम मंदिर और नागरिकता संशोधन कानून जैसे फैसलों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण नहीं है, जिसके खिलाफ देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। नागरिकता अलग कानून नहीं है। कुछ आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद हर किसी को नागरिकता हासिल करने का अधिकार है। यह संशोधन कुछ वर्गों को जल्द नागरिकता देने के लिए किया गया, लेकिन लोगों को दुष्प्रचार के जरिये गुमराह किया जा रहा है। कुछ लोग जो राजनीतिक रूप से मोदीजी का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं, वे आतंकवाद और झूठ का इस्तेमाल कर देश में अव्यवस्था पैदा कर रहे हैं।