उत्तर प्रदेशलखनऊ

आरक्षण को लेकर बीबीएयू में सात घंटे बवाल

bbau_1462337608एजेंसी/ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में एससी-एसटी छात्रों ने मंगलवार को सात घंटे तक जमकर बवाल किया। ओबीसी छात्रों को प्रवेश में 27 फीसदी आरक्षण देने संबंधी रिट का विरोध कर रहे छात्रों ने कुलपति प्रो. आरसी सोबती को करीब दो घंटे तक बंधक बनाए रखा और प्रॉक्टर प्रो. कमल जायसवाल का पुतला फूंका। 
वीसी के बंधक बनने की खबर मिलते ही पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। कई थानों की फोर्स बीबीएयू पहुंची और बातचीत कर छात्रों को समझाने का प्रयास किया। छात्र अड़े रहे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर सबको खदेड़ा। 
करीब दो घंटे बाद छात्रों को समझाकर कुलपति को आजाद कराया गया। रिट से आक्रोशित करीब 150 छात्र-छात्राएं सुबह साढ़े दस बजे के करीब कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। 

इस दौरान अंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन के पदाधिकारी भी मौजूद थे। छात्रों का आरोप है कि विवि में कुलपति और प्रॉक्टर जातिगत आधार पर भेदभाव करने और छात्रों के बीच मतभेद करने जैसे काम कर रहे हैं। 

इसकी वजह से आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं  कुलपति ने इस प्रकरण के बाद प्रो. कमल जायसवाल को प्रॉक्टर पद से हटाकर प्रो. एस. विक्टर बाबू को नियुक्त किया है।

चार थाने की पुलिस पहुंची और भड़के छात्र 

हंगामे और विरोध-प्रदर्शन की सूचना पाकर आशियाना, पीजीआई, कैंट सहित चार थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देखकर छात्र भड़क गए और नारेबाजी तेज कर दी। 
उस वक्त कुलपति अपने कार्यालय में ही मौजूद थे। कुछ आक्रोशित छात्र कुलपति कार्यालय की तरफ बढ़े तो स्टाफ के लोगों ने रोकने की कोशिश की। धक्का-मुक्की और खींचतान में कुलपति कार्यालय की खिड़कियों के शीशे टूट गए और फर्नीचर उलट-पलट गया। इससे पहले पुलिस कुछ समझ पाती, कुछ छात्र कुलपति कार्यालय में घुस गए और भीतर से दरवाजा बंद कर उन्हें बंधक बना लिया। उस वक्त साढ़े तीन बजे थे। कुलपति को बंधक बनाने की जानकारी पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के हाथ-पैर फूल गए। 

एसओ संतोष तिवारी ने छात्र-छात्राओं को समझाने की कोशिश की लेकिन वह आंदोलन पर अड़े रहे। मौके पर अन्य छात्र भी एकत्र होने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर सबको तितर-बितर किया। 

हालात बिगड़ने पर दी गई जिलाधिकारी को सूचना 

विवि प्रशासन ने जिलाधिकारी राजशेखर को हालात बिगड़ने की सूचना दी। इसके बाद एसीएम तृतीय रामजी मिश्रा को मौके पर भेजा गया। कैंट सीओ हरेंद्र कुमार भी बीबीएयू पहुंच गए। 

कमरे में बंद छात्रों से बातचीत कर उन्हें समझाया गया। शाम करीब साढ़े पांच बजे कुलपति को आजाद कराया जा सका। एसओ आशियाना का कहना है कि बीबीएयू प्रशासन की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। शिकायत मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

विवि में गठित पिछड़ा जन कल्याण समिति की ओर से हाईकोर्ट में रिट दाखिल की गई है। रिट में रिजर्वेशन एक्ट के तहत बीबीएयू में ओबीसी छात्रों को प्रवेश में 27 फीसदी का आरक्षण देने की मांग की गई है।
 
वर्तमान में विवि में ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षण लागू नहीं है, जबकि एससी-एसटी छात्रों को 50 फीसदी का आरक्षण मिलता है। रिट दाखिल करने वाले पक्ष के वकील निलय गुप्ता ने बताया कि यह केस समिति के सचिव आरके गुप्ता लड़ेंगे। 

उनके साथ 14 ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने आगामी सत्र में दाखिले के लिए बीबीएयू में आवेदन किया है। यह मामला संज्ञान में आने के बाद अंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन ने विरोध-प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की थी। 

दलित छात्रों के समर्थन में आइसा के छात्र भी पहुंच गए। सभी कुलपति और प्रॉक्टर को हटाने की मांग कर रहे थे। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे 10 छात्रों का प्रतिनिधिमंडल वार्ता करने के लिए कुलपति के कार्यालय पहुंचा। 

वार्ता सफल न होने पर प्रतिनिधिमंडल में शामिल छात्र हंगामा करने लगे और बाकी छात्रों को कुलपति कार्यालय बुलवाकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। छात्रों की मांग थी कि आरक्षण के वर्तमान नियमों में परिवर्तन न किया जाए। 

प्रशासन और पुलिस के समझाने पर छात्र बाहर निकले। उनकी कुलपति के बीच वार्ता कराई गई जिसके बाद प्रॉक्टर प्रो. कमल जायसवाल को हटा दिया गया।

प्रो. कमल जायसवाल को हटाया नहीं गया, बल्कि उन्होंने बीती छह अप्रैल को इस्तीफा दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। छात्र जिस रिट का लेकर बवाल कर रहे हैं, वह ज्यूडिशियरी का मामला है। इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है इसीलिए हम उन्हें कोई आश्वासन भी नहीं दे सकते।
-प्रो. आरसी सोबती, कुलपति, बीबीएयू

 

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