आर्थिक समृद्धि व सुधारों वाला बजट 2020 : बृजनन्दन राजू
स्तम्भ : बजट में सरकार ने लोकलुभावन घोषणा के बजाय देश की वर्तमान स्थिति का सिंहावलोकन करते हुए अपनी क्षमताओं का आकलन कर अपने संसाधनों के बलबूते भविष्य के भारत को गढ़ने का प्रयास किया गया है। यह बजट मजबूत, सशक्त और उभरते भारत की अर्थव्यवस्था को गती देने का काम करेगा। बजट में जल जंगल जमीन के संरक्षण की प्रतिबद्धता के साथ ही शिक्षा स्वास्थ्य और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुरातात्विक स्थलों के विकास पर ध्यान दिया गया है। वहीं गांव गरीब किसान को राहत पहुंचाने वाला भी बजट है। बजट हमेशा संतुलित होना चाहिए। बजट चाहे व्यक्ति, परिवार, संस्था या देश का हो। यदि बजट गड़बड़ हुआ थो अव्यवस्था पैदा होती है। बजट अगर संतुलित नहीं रहा तो देश की अर्थव्यवस्था का संतुलन बिगड़ जाता है और देश के विकास की गति अवरूद्ध हो जाती है। इस बार का बजट कई मायनों में खास है क्योंकि बजट में लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की गयी हैं। क्योंकि घोषणा करना तो आसान है लेकिन वह योजनाएं जब तक जमीन पर न दिखाई दें तब तक उनका कोई औचित्य नहीं रह जाता। शायद इसीलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लोकलुभावन घोषणा के बजाय विकासोन्मुखी बनाया है। बजट में सरकार ने केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का विशेष ध्यान रखा है। बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए 30,757 करोड़ रुपये और लद्दाख के लिए 5,958 करोड़ रुपये की घोषणा की गयी है।
किसानों की आय दोगुनी करने, बागवानी, अनाज भंडारण, पशुपालन और नीली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने को लेकर प्रतिबद्धता जतायी है। 15 लाख अतिरिक्त किसानों को उनके बिजली के पंपों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद करने की बात कही गयी है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने सभी तरह के उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल और जीरो बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। वर्षा आधारित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली को बढ़ावा देने, सहफसली खेती को बढ़ावा देने, मधुमक्खी पालन, सौर पंपों के इस्तेमाल और सौर ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से संबंधित ऑनलाइन राष्ट्रीय पोर्टल को भी मजबूत बनाया जाएगा। जल संकट की समस्या से जूझ रहे देश के 100 जिलों में इस समस्या से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किये जाएंगे।
खाद्यान्नों की बर्बादी रोकने और उनके लिए सक्षम भंडारण अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से ब्लॉक स्तर पर भंडार गृह बनाये जाने का प्रस्ताव है। लेकिन भण्डारण तब होगा जब फसल बचेगी तब ना। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या फसल सुरक्षा की है। किसानों को सही बीज व उर्वरक भी सही से नहीं उलब्ध हो पाता। मजबूरी में वह स्थानीय बाजार से वह बीज खरीदता है जो अधिकतर नकली निकल जाता है। किसान की सारी मेहनत के साथ पूंजी भी चली जाती है। अगर बीज सही भी निकल गया तो फसल को छुट्टा जानवरों से बचा पाना कठिन हो जाता है। गांवों में सभी किसान खेत में खुले में सोने को मजबूर हैं। उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम और सेन्ट्रल वेयर हाऊसिंग कॉरपोरेशन भी अपनी भूमि पर ऐसे भंडार गृह बनायेंगे। उन्होंने कहा कि धन्य लक्ष्मी के रूप में महिला स्व-सहायता समूहों की भंडारण क्षेत्र में भूमिका को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।कृषि में पशुपालन क्षेत्र के योगदान को देखते हुए सीतारमण ने 2020 तक मवेशियों के खुर और मुंह में होने वाली बीमारी ‘ब्रूसिलोसिस’ और बकरियों को होने वाली बीमारी को पूरी खत्म करने का प्रस्ताव स्वागत योग्य कदम है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2025 तक देश में दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता 5.35 करोड़ टन से दोगुना करके 10.8 करोड़ टन कर दी जाएगी।
वहीं बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी घोषणा की गयी है। इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि अब करदाताओं को 5 से 7.5 लाख रुपये की कमाई तक 10 फीसदी टैक्स देना होगा। वहीं 7.5 से 10 लाख रुपये की कमाई तक 15 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा। महिलाओं के लिए 28,600 करोड़, स्वच्छ हवा के लिए 4400 करोड़ रुपये का आवंटन किया। रोजगार और इनकम टैक्स के क्षेत्र में भी कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं।
Income Tax में बड़ी राहत की घोषणा। पांच लाख रुपये तक की आय पर नहीं देना होगा कोई कर।अब 5-7.5 लाख रुपये तक की आय पर देना होगा 10 फीसद की दर से कर। इसके साथ ही 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसद की दर से कर का भुगतान करना होगा। 10-12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसद का टैक्स। इसके साथ ही 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की कमाई पर अब टैक्स रेट 25 फीसद होगा। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से कर का भुगतान करना होगा।
सरकार ने पोषण से जुड़ी योजनाओं के लिए 35,600 करोड़ रुपये और महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपये का आवंटन है। टूरिस्ट गंतव्यों को जोड़ने के लिए अधिक तेजस ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा। इससे तो यही लगता है कि यह इण्डिया का बजट है भारत का नहीं। सरकार को इस पर भी विचार करना चाहिए कि एक तरफ सरकार तेजस ट्रेन चला रही है वहीं ट्रेन के सामान्य डिब्बे में यात्रा करने वाली यात्रियों की पीड़ा सरकार को नहीं दिख रही है। हर जिला अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव वैसे पुराना है। मोदी के प्रथम कार्यकाल में इस दिशा में काम हुआ है लेकिन मात्र जिला अस्पताल को मेडिकल कालेज नाम देने से कुछ नहीं होने वाला है। मेडिकल कालेज तो नाम दे दिया गया है लेकिन अभी अधिकांश में सुविधाएं नदारद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में काफी हद तक सरकार सफल रही है लेकिन जांच अगर कराई जाय तो पता चलेगा कि स्वच्छ भारत के नाम पर किस तरह पैसों की बर्बादी की गयी है।
सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर सरकार चलाने का दंभ भाजपा भरती है लेकिन बजट में सबका ख्याल नहीं रखा गया है। बजट में नई शिक्षा नीति का ऐलान किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र के लिए यह क्रान्तिकारी कदम है। अंग्रेजों के जाने के बाद भारत में नयी शिक्षा नीति की जरूरत थी लेकिन इस पर काम नहीं किया गया। मोदी सरकार इस दिशा में काम कर रही है। वहीं फिट इंडिया अभियान को बढ़ावा देने के लिए आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। देश के पांच राज्यों में स्थानिक संग्रहालय वाले प्रतिमान स्थलों के रूप में पांच पुरातातत्विक स्थलों के विकास की घोषणा की गई है। महाभारतकालीन नगरी हस्तिनापुर और हरियाणा के हिसार जिले में स्थित राखीगढ़ी जो हड़प्पाकालीन स्थल माना जाता है। इसी तरह शिवसागर असम, धौलाविरा गुजरात और तमिलनाडु के अदिचनल्लूर का भी बजट में जिक्र है। इन पांच प्रमुख पर्यटन स्थलों के आसपास भवन बुनियादी ढांचे का विकास किया जायेगा। बजट में पर्यटन क्षेत्र के लिए 2020-21 में 2500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़ रुपये के आवंटन का भी प्रस्ताव है। संग्रहालय विज्ञान और पुरातत्व विज्ञान की विधाओं में अच्छी तरह प्रशिक्षित संसाधनों को विकसित करने के लिए पहला भारतीय धरोहर और संरक्षण संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव शामिल है। इस संस्थान का दर्जा मानद विश्वविद्यालय का होगा और यह संस्कृति मंत्रालय के अधीन होगा। बजट में घोषणा की गई है कि देश के चार और संग्रहालयों का नवीनीकरण किया जाएगा, ताकि आगंतुकों को विश्वस्तरीय अनुभूति मिल सके। इसके अलावा मोदी सरकार झारखंड के रांची में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना भी करेगी जो जनजातीय संस्कृति के संरक्षण में सहायक होगी।