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इंजीनियरिंग की मिसाल : चेनाब पर जल्द तैयार होगा दुनिया का सबसे ऊंचा पुल


श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बन रहा विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल अब आकार लेने लगा है। इस पुल के निर्माण के बाद हम ऊंचे पुल निर्माण के मामले में चीन को काफी पीछे छोड़ देंगे। अर्द्ध चंद्राकार यह पुल हर मायने में विश्व इंजीनियरिंग की मिसाल होगा। इसकी ऊंचाई एफिल टावर से 35 मीटर अधिक होगी। जम्मू-ऊधमपुर-श्रीनगर रेल लिंक परियोजना के तहत कटड़ा-बनिहाल के बीच रियासी के कौड़ी क्षेत्र में बन रहे 1.3 किलोमीटर लंबे रेलवे पुल की ऊंचाई 359 मीटर होगी। यह चिनाब के जलस्तर से पुल की ऊंचाई है। जबकि नदी के धरातल से मापने पर पुल की ऊंचाई 419 मीटर है। जबकि चीन की शुईपई नदी पर बना पुल करीब 275 मीटर ऊंचा है। इस पुल के निर्माण में करीब 12 सौ करोड़ रुपये की लागत आएगी। वहीं, इसका काम जुलाई 2019 तक पूरे होने की संभावना है। इसके डिजाइन में डीआरडीओ की भी अहम भूमिका रही है। चिनाब पुल में ऐसी तकनीक व उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जो पूरे विश्व में अपनी तरह का प्रथम प्रयोग है। मसलन, यह पहली बार है जब इतने ऊंचे पुल के निर्माण में मेहराब तकनीक (लॉन्चिंग आर्च) को आधार बनाया है। पिछले साल ही इसका मजबूत मेहराब बनकर तैयार हो गया है। पुल का एक छोर रियासी के कौड़ी तो दूसरा सिरा बक्कल में है। पुल के निर्माण पर 24 हजार टन इस्पात का इस्तेमाल किया जाएगा। दुर्गम क्षेत्र में बन रहे इस पुल के निर्माण का सामान पहुंचाने के लिए सड़क भी नहीं थी। ऐसे में पहले 20 किलोमीटर से लंबी सड़क और 400 मीटर की एक गुफा का निर्माण किया गया। पुल का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था। अब कोंकण रेलवे द्वारा अफकान कंपनी को इसका जिम्मा सौंपा गया है। निर्माणकर्ता कंपनी ने पुल की मजबूती को लेकर 120 साल की वारंटी दी है। जबकि दावा है कि पुल 500 साल तक टिका रहेगा। पुल की चौड़ाई 13 मीटर है। जिसमें 150 मी. ऊंचे कुल 18 पिलर होंगे।

पुल की भार वहन करने की क्षमता 500 टन होगी। क्षेत्र में डोलोमाइट रॉक यानी वह चट्टानें हैं, जिनमें दरार होती है और वह दबाव के कारण बैठ सकती हैं। यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से सिसमिक जोन-4 में आता है। यहां हर 2 से 3 मिनट में 1 से 3 रिएक्टर स्केल का भूकंप आता रहता है। ऐसे में पुल को सिसमिक जोन-5 के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। ऐसे में अगर एक साथ पुल के सात पिलर भी क्षतिग्रस्त हो जाएं तो रेल परिचालन बाधित नहीं होगा। 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल मार्ग पर रेल संपर्क से कश्मीर देश से सीधे रेलमार्ग से जुड़ जाएगा। फिलहाल बनिहाल से बारामूला के बीच रेल लाइन है। लेकिन कटड़ा और बनिहाल के बीच रेलमार्ग नहीं है। कटड़ा-बनिहाल रेलवे परियोजना में रियासी ग्रां मोड़ इलाके में कुतुब मीनार से भी 22 मीटर ऊंचे रेलवे पिलर को 30 दिन के रिकॉर्ड समय में बना दिया। कंपनी रियासी जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर आगे ग्रां मोड़ में ठंडा सूला नाला पर रेलवे पुल नंबर 39 का निर्माण कार्य करवा रही है, जो देश के पांच सबसे ऊंचे पुलों में शुमार बताया जा रहा है। निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर डीपी सिह के मुताबिक इस पुल के 103.26 मीटर ऊंचे पिलर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है, जिसका जमीन के ऊपर का भाग 95 मीटर है। जबकि कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है।

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